सरकार ने HHEC को बंद करने के लिए दी अपनी मंजूरी, सभी कर्मचारियों को दिया जाएगा VRS
सभी स्थायी कर्मचारियों और मैनेजमेंट प्रशिक्षुओं को सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का लाभ उठाने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हैंडीक्राफ्ट्स एंड हैंडलूम एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (HHEC) को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। यह कॉरपोरेशन भारत सरकार के उपक्रम के तहत कपड़ा मंत्रालय के नियंत्रण में कार्य कर रहा था।
एचएचईसी में 59 स्थायी कर्मचारी और 6 मैनेजमेंट ट्रेनी हैं, जो अपनी सेवाएं कॉरपोरेशन को दे रहे हैं। सभी स्थायी कर्मचारियों और मैनेजमेंट प्रशिक्षुओं को सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का लाभ उठाने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
एचएचईसी को बंद करने के इस निर्णय से सरकारी खजाने में बचत होगी। इससे बीमार सीपीएसई पर वेतन/भत्तों के खर्च में कमी आएगी। यह एक ऐसा सार्वजनिक उपक्रम है जो परिचालन में नहीं है और इससे कोई आय भी नहीं हो रही है।
एचएचईसी वित्त वर्ष 2015-16 से निरंतर घाटे में चल रहा था और यह अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त आय भी अर्जित नहीं कर पा रहा था। इसके पुनरुद्धार के लिए बहुम कम गुंजाइश थी, इसलिए सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया।
डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन की स्थापना को हरी झंडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआई) की स्थापना के लिए एक बिल को अपनी मंजूरी प्रदान की है। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए इसकी मदद से वित्त उपलब्ध कराया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में भाषण में इस इंस्टीट्यूशन के लिए 20,000 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं को दीर्घकालिक कर्ज देने वाला एक नया विकास वित्त संस्थान गठित करने संबंधी विधेयक के मसौदे को मंगलवार को मंजूरी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश 2021-22 के बजट में विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) गठित करने का प्रस्ताव किया था। प्रस्तावित विधेयक इसी घोषणा को अमल में लाने के लिए है।
सरकार ने इस नए संस्थान के लिए 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी का प्रस्ताव किया है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसले की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने डीएफआई के गठन के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे दीर्घकालीन कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित डीएफआई में 50 प्रतिशत निदेशक गैर-सरकारी होंगे।
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