नयी दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार गंवाने वाले लोगों की मदद के लिए फेडरल बैंक ने एक विशेष पहल की है। बैंक ने केरल में अपनी शाखाओं में ऐसे 400 लोगों को 18,000 रुपये मासिक वेतन पर अस्थायी नौकरियां उपलब्ध कराई हैं।
फेडरल बैंक के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी अजित कुमार केके ने बताया कि इन लोगों को ‘कोविड वार्डन’ का पद दिया गया है। इनका काम शाखाओं में आने वाली भीड़ को संभालना और उन्हें मास्क तथा सैनिटाइजर उपलब्ध कराना है।
केके ने कहा आजीविका उपलब्ध कराने से संबंधित यह परियोजना अगस्त, 2020 में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत शुरू की गई थी। यह अब भी जारी है। उन्होंने कहा कि यह अस्थायी रोजगार है, पूर्णकालिक नौकरी नहीं है।
उन्होंने कहा कि बैंक इन लोगों को 18,000 रुपये मासिक का वेतन दे रहा है। इन लोगों के वेतन पर पिछले 10 माह में छह करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
फेम योजना के दूसरे चरण की अवधि दो साल बढ़ी
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाली फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को दो साल 31 मार्च, 2024 तक के लिये बढ़ा दिया। फेम इंडिया योजना (इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से विनिर्माण और उपयोग) के दूसरे चरण में सार्वजनिक और साझा परिवहन साधनों को बिजली चालित बनाने पर जोर है। भारी उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार योजना को एक अप्रैल, 2019 से तीन साल की अवधि के लिये क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है। ‘‘अब सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी से फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को दो साल और यानी 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने का निर्णय किया गया है।’’ सरकार ने पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से फेम इंडिया योजना 2015 में शुरू की थी। इस बारे में उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि योजना की समयसीमा बढ़ाये जाने से उद्योग को इलेक्ट्रिक वाहनों की टाली गयी मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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