लंदन। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण से जुड़े वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत का फैसला प्राप्त होने की मंगलवार को पुष्टि की। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की मुख्य मजिस्ट्रेट जज एम्मा आर्बुथनॉट ने सोमवार को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी ताकि उनके खिलाफ भारतीय जांच एजेंसियों, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के आधार पर मुकदमा चलाया जा सके। अब इस मामले पर ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद को औपचारिक फैसला करना है।
जाविद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे की कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। वह पाकिस्तानी मूल के हैं। जाविद के पास इस बाबत फैसला लेने के लिए दो महीने का समय है लेकिन अगर पूरी अपील प्रक्रिया पर गौर करें तो प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है।
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसे माल्या के भारत प्रत्यर्पण को लेकर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत का फैसला मिल गया है। भारत सरकार का पक्ष रखने वाले क्राउन प्रोसक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले पर गौर करने के बाद गृह मंत्री को लगता है कि प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी जा सकती है तो इसके लिए उनके पास दो महीने का समय होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि उनके फैसले के बाद हारने वाला पक्ष 14 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
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