लंदन। ब्रिटेन की एक हाईकोर्ट ने आज 13 भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम के पक्ष में एक प्रवर्तन आदेश दिया है। इन बैंकों ने विजय माल्या से बकाया राशि चुकाने की मांग की है। माल्या इस समय 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना कर रहे हैा। हाईकोर्ट के आदेश में यूके हाईकोर्ट एनफोर्समेंट ऑफिसर को विजय माल्या की लंदन के नजदीक हेर्टफोर्डशायर स्थित संपत्ति की तलाशी लेने और उन्हें जब्त करने की अनुमति दी गई है। यूके हाईकोर्ट ने अधिकारियों और उनके एजेंट्स को टेविन, वेलविन में लैडीवॉक और ब्राम्बले लॉज, जहां माल्या वर्तमान में रहते हैं, में प्रवेश को अनुमति दे दी है। इस आदेश का मतलब है कि बैंकों के पास एक विकल्प है कि वह 1.145 अरब पौंड की राशि रिकवर करने के लिए इस आदेश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जस्टिस बायरन द्वारा 26 जून को लिखे गए आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट एनफोर्समेंट ऑफिसर और उसकी अथॉरिटी में काम करने वाला कोई भी एनफोर्समेंट एजेंट लैडीवॉक और ब्रेमबले लॉज, क्वीन हू लेन, टेविन, वेलविन में प्रवेश कर सकते हैं और वहां तलाशी ले सकते हैं और माल्या से संबंधित चीजों को जब्त कर सकते हैं।
कानूनी विशेषज्ञ के मुताबिक हाईकोर्ट का यह नया आदेश बहुत जरूरी था। यह आदेश यूके की ट्रिब्यूनल कोर्ट्स और एनफोर्समेंट कानून 2007 के मुताबिक है। इस आदेश से भारतीय अदालतों के इस आदेश की पुष्टि करता है कि भारतीय बैंक अपनी बकाया राशि वसूलने के हकदार हैं।
इन 13 भारतीय बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडेरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब और सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
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