नयी दिल्ली। ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ चीन के कुछ बैंकों की ओर से दायर 68 करोड़ डॉलर के भुगतान के दावे में सरसरी तौर पर आदेश जारी करने की अर्जी नामंजूर कर दी है। अंबानी के एक प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस मामले में आगे सुनवाई होगी। प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा कि इस मामले में सुनवाई सात नवंबर को हुई और अदालत का आदेश सोमवार को जारी किया गया।
वक्तव्य में कहा गया है कि ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने चीन के बैंक द्वारा अनिल अंबानी के खिलाफ 'त्वरित न्यायिक निर्णय के लिए प्रस्तुत आवेदन' को खारिज कर दिया है। इस याचिका में चीनी बैंकों ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड को दिये गये कर्ज के एवज में अनिल अंबानी से 68 करोड़ डॉलर की वसूली का दावा किया था।' प्रवक्ता ने कहा कि अदलात अबानी की ओर से प्रस्तुत की गयी इस दलील को स्वीकार किया कि चीनी बैंकों से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) के कार्पोरेट कर्ज के लिए अंबानी की ओर से दी गई कथित गारंटी पर त्वरित प्रक्रिया के जरिS फैसला नहीं किया जा सकता।
बयान में कहा गया है कि अनिल अंबानी इस मामले में पूरी मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे और अदालती कार्रवाई में दावे का विरोध करेंगे। वक्तव्य में कहा गया है, 'अंबानी को पूरा विश्वास है कि मामले की सुनवाई के दौरान उसे ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में जरूरी सबूत पेश करने का पूरा मौका मिलेगा। वह यह बता पायेंगे कि चीनी बैंकों के दावे में कोई दम नहीं है।'
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