लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत के लिए दायर नयी जमानत याचिका खारिज कर दी है। नीरव मोदी लगभग दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। उसने 30 अक्टूबर को अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि वह बेचैनी और निराशा में है। भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने 19 मार्च को उसे गिरफ्तार किया था।
नीरव मोदी (48) की लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत याचिका 5वीं बार खारिज कर दी है। उसके खिलाफ अगले साल मई में मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी और वह तब तक जमानत पाने की कोशिश कर रहा है। वह इंग्लैंड की सबसे भीड़भाड़ वाली जेलों में से एक दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में 7 महीने से (मार्च से) बंद है।
नीरव के वकीलों ने जमानत दिलाने की पिछली चार कोशिशों में दलील दी कि उनके क्लाइंट की हिरासत काफी लंबी खिंच गई है और उसे नुकसान हो रहा है। वह जमानत के लिए अदालत की कोई भी शर्त मानने को तैयार है। नीरव के वकीलों ने इलेक्ट्रोनिक डिवाइस से निगरानी रखने और 20 लाख पाउंड का जमानती बॉन्ड भरने जैसे प्रस्ताव भी दिए थे, लेकिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा था कि नीरव एक बड़े घोटाले का आरोपी है। जमानती बॉन्ड की रकम बढ़ाने से उसके भागने का जोखिम कम नहीं हो सकता। नीरव की जमानत अर्जी यूके हाईकोर्ट से भी खारिज हो चुकी है।
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