नई दिल्ली। ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका पांचवीं बार खारिज कर दी है। भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने जमानत के लिए यह याचिका दायर की थी। नीरव मोदी भारत में धन शोधन और पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है। ब्रिटेन में उसके प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई चल रही है।
नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था, नीरव दक्षिण-पश्चिम लंदन में वांड्सवर्थ जेल में बंद है। उसे पिछले वर्ष मार्च में गिरफ्तार किया गया था। उसने जमानत के लिए पांचवीं बार आवेदन किया था। गौरतलब है कि इस साल 11 से 15 मई के बीच नीरव मोदी का प्रत्यर्पण परीक्षण होना है। इस बीच, वह हर 28 दिनों में मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने विडोलक के माध्यम से नियमित रूप से पेश होना होगा।
नीरव मोदी की कंपनी के परिसमापन का ओदश
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने फरार हीरा व्यवसायी नीरव मोदी की समूह कंपनी फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (एफडीआईपीएल) के परिसमापन (लिक्विडेशन) का आदेश दे दिया है। एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने नीरव मोदी की घोटाले में संलिप्त इस कंपनी एफडीआईपीएल पर आदेश पिछले सप्ताह दिया था। पीठ में सुचित्रा कनुपार्थी (सदस्य-न्यायिक) और वी. नल्लासेनापति (सदस्य-तकनीकी) शामिल थे।
देश में सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में शुमार 14,000 करोड़ रुपए के बैंकिंग घोटाले की साजिश रचने में नीरव, उसका मामा मेहुल चोकसी और अन्य आरोपी शामिल हैं। इस घोटाले का खुलासा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने फरवरी 2018 में किया था, जिसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य बैंकों ने भी इसे स्वीकार किया।
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