नई दिल्ली। देश छोड़कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पण करने के एक मामले में ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत सरकार से मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 की वीडियो मांगी है, जिसमें माल्या को मुकदमे की सुनवाई के दौरान रखा जाएगा। ब्रिटेन की अदालत ने भारत को इसके लिए 3 हफ्ते का समय दिया है। ब्रिटेन की अदालत यह देखना चाहती है कि जेल में प्राकृतिम रोशनी के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं या नहीं।
मंगलवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई थी, जिसमें माल्या के वकीलों ने कहा कि भारत सरकार के आश्वासन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद जज ने माल्या को जमानत देते हुए अगली सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तारीख तय की है। मांगे गए वीडियो के जरिये उस जेल में बुनियादी सुविधाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। उसी आधार पर मामले पर अब फैसला होगा।
विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज न लौटाने का आरोप है। उन पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। वित्तीय अनियमितताओं को लेकर भारत सरकार विजय माल्या का प्रत्यर्पण चाहती है।
अपने महंगी और रंगीन जीवनशैली के लिए मशहूर विजय माल्या ने अपना कारोबार किंगफिशर बियर से शुरू किया था और बाद में इसी नाम से एक एयरलाइन कंपनी भी शुरू की थी, जो बाद में बंद हो गई। विजय माल्या ने लंदन में कोर्ट से बाहर निकलकर पत्रकारों से कहा कि वो कर्नाटक की अदालत में समझौते का प्रस्ताव दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि अदालत से आग्रह किया गया है कि वो अपनी निगरानी में यूबी ग्रुप और स्वयं माल्या की सारी संपत्ति को बेचकर बैंकों का पैसा लौटा दे।
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