नई दिल्ली। मोबाइल कंपनियों पर आधार वेरिफिकेशन की रोक के बाद से बाजार में असमंजस का माहौल है। इस बीच एक खबर ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी, जिसमें कहा गया था कि देश में 50 करोड़ मोबाइल नंबर बंद हो सकते हैं। यह आंकड़ा भारत में मौजूद मोबाइल कनेक्शन का लगभग आधा है। लोगों की इसी मुश्किल के बीच संचार विभाग (डीओटी) तथा यूआईडीएआई ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर लोगों को राहत दी है।
दोनों शीर्ष संस्थाओं ने कहा है कि 50 करोड़ मोबाइल नंबर बंद होने की खबर पूरी तरह मनगढ़ंत और काल्पनिक है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि देश में एक भी मोबाइल नंबर इस कारण से बंद नहीं किया जाएगा।
दरअसल एक अंग्रेजी अखबार में आज एक खबर प्रकाशित हुई जिसमें तर्क दिया गया कि जिन मोबाइल यूजर्स ने टेलीकॉम कंपनियों को आधार के साथ अगर दूसरा कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया है, तो उनका नंबर बंद हो सकता है। इसमें सबसे बड़ी चोट रिलायंस जियो को लगने वाली थी, जिसका पूरा सिस्टम ही आधार बेस्ड केवाईसी पर निर्भर है।
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में 50 करोड़ मोबाइल नंबर ऐसे हैं जो सिर्फ आधार बेस्ड केवाईसी से एक्टिवेट हैं। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों को यूजर्स के आधार डेटा हटाने होंगे। दूसरा कोई वैध डॉक्यूमेंट जमा न कराने पर आधार हटने के साथ ही मोबाइल नंबर बंद हो जाएगा। लेकिन आधार नंबर जारी करने वाली शीर्ष एजेंसी ने इस खबर को झूठा करार दिया है।
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