नई दिल्ली। भारत के टैक्सी बाजार पर बादशाहत की जंग का फायदा आम उपभोक्ता को मिलने वाला है। ओला को पीछे छोड़ने के लिए एप आधारित टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी ऊबर इस साल जून तक भारत में 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3,300 करोड़) रुपए का निवेश करने की तैयारी में है। कंपनी हर महीने औसतन 1,000 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बना रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऊबर अपने तीसरे सबसे बड़े बाजार (इंडिया) में ओला को कड़ी टक्कर देने के लिए यह कदम उठाने जा रही है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि एक महीने के भीतर मार्केट लीडरशिप के मामले में ऊबर ओला को पीछे छोड़ देगी। दो टैक्सी कंपनियों के बीच शुरू हुई जंग का फायदा आम उपभोक्ता को मिलेगा और वे सस्ती टैक्सी का राइड वे पाएंगे।
चीन से बड़ा भारतीय टैक्सी बाजार!
9 महीने पहले ऊबर ने इंडिया में एक अरब डॉलर निवेश करने का वादा किया था। ऊबर के फाउंडर ट्रैविस कैलेनिक ने कहा है कि भारतीय बाजार ऊबर के लिए अमेरिका और चीन से भी बड़ा हो सकता है। ऊबर के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम भारत के लिए अपने संसाधन दोगुने कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी ने एक अरब डॉलर के कमिटमेंट में पूरे कैश का इस्तेमाल अभी नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘योजना हर डॉलर को अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर तरीके से खर्च करने की है और ऐसी टीम और टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस बनाने की है, जो इंडिया में उपयोगी हों।’
एक महीने में ओला को पीछे छोड़ देगी ऊबर
ऊबर और ओला में कड़ी प्रतियोगिता चल रही है। एशिया में ऊबर के बिजनस हेड एरिक एलेग्जेंडर ने हाल में ही कहा था कि उनकी कंपनी एक महीने के भीतर मार्केट लीडरशिप के मामले में ओला को पीछे छोड़ देगी। भारतीय कंपनी ओला ने जवाब में यह दावा किया था कि उसकी नई सर्विस ‘माइक्रो’ ही इंडिया में एक महीने के भीतर ऊबर पर भारी पड़ जाएगी। ओला और ऊबर, दोनों की आमदनी में 70 पर्सेंट से ज्यादा हिस्सा बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता से आता है। ओला ने अब तक लगभग 1.2 अरब डॉलर जुटाए हैं।
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