लग्जमबर्ग। यूरोयिन यूनियन की शीर्ष अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया कि उबर एक एप न होकर एक सामान्य ट्रांसपोर्टेशन कंपनी है और उसे अन्य टैक्सी कंपनियों की तरह नियामकीय निर्देशों का अनुपालन करना होगा। इस फैसले पर दुनियाभर की नजर है। घोटालों की श्रृंखला में उबर के लिए यह एक और नया मामला है। पिछले हफ्ते ही उबर के एक ड्राइवर ने यह स्वीकार किया है कि लेबनान के बेरूत में रात को घर लौट रही ब्रिटिश एंबेसी की महिला कर्मचारी से बलात्कार और जान से मारने की कोशिश की गई थी।
लग्जमबर्ग स्थित यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि उबर द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सेवा लोगों को गैर-पेशेवर ड्राइवर्स के साथ जोड़ती है, जो ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की सेवा है। इसलिए उसे नियामकीय शर्तों और निर्देशों का अनुपालन करना होगा।
इससे पहले उबर ने दावा किया था कि वह मात्र सेवा प्रदाता है, वह 600 से अधिक शहरों में उपभोक्ताओं को ड्राइवर्स के साथ जोड़ती है। लेकिन टैक्सी कंपनियां और अन्य प्रतिस्पर्धी इसका कड़ा विरोध कर रहे थे। उनका कहना है कि यह उबर को महंगे नियमन जैसे ड्राइवर्स और वाहन के लिए ट्रेनिंग और लाइसेंस लेने की बाध्यता से बचाता है।
बर्सीलोना की स्पेनिश सिटी में टैक्सी ड्राइवर्स एसोसिएशन ने उबर के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था। उनका मानना था कि उबर एक टैक्सी कंपनी है और उसे नियामकीय निर्देशों का पालन करना चाहिए। यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि उबर एक सेवा है जो एक स्मार्टफोन एप्लीकेशन के साथ गैर-पेशेवर ड्राइवर्स जो अपने वाहन से पैसा कमाना चाहते हैं को उन लोगों के साथ जोड़ता है, जो शहरी यात्रा करना चाहते हैं। इसका मतलब है कि यह स्वाभाविक रूप से एक ट्रांसपोर्ट सर्विस है और तदनुसार इसे ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की सेवा माना जाना चाहिए।
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