वाशिंगटन। भारत के साथ व्यापार संबंधों में मजबूती से उत्साहित अमेरिका ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 109 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। जीएसटी सहित अन्य नए सुधारों के चलते यह आगे और बढ़ेगा। हालांकि अमेरिका ने इसके साथ ही अमेरिकी कंपनियों की भारत में कारोबार माहौल से जुड़ी चिंताओं को रेखांकित किया है। अमेरिका की वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर ने कहा कि पर्यटन-यात्रा और प्रांतीय स्तर पर जुड़ाव दो नए क्षेत्र हैं जो 2017 में दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक सहयोग को मजबूत बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
प्रित्जकर ने कहा कि ओबामा सरकार ने इस रिश्ते की संभावनाओं के समुचित दोहन की दिशा में बीते साढ़े सात साल में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह दुनिया में सबसे बड़ी वाणिज्यिक भागीदारी में से एक हो सकता है। उन्होंने कहा, हमारे दोनों देशों के बीच अच्छे व्यापारिक और निवेश संबंध हैं। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2015 में 109 अरब डॉलर रहा है जो 2005 में मात्र 37 अरब डॉलर था। पेन्नी ने कहा, अमेरिकी और भारतीय कंपनियां दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड स्तर पर निवेश कर रही हैं। वर्ष 2015 में भारत में अमेरिकी निवेश 28 अरब डॉलर से अधिक रहा जबकि अमेरिका में भारतीय निवेश 11 अरब डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंच गया है। यहां तक कि भारतीयों के स्वामित्व वाली कंपनियां अमेरिका में 52,000 लोगों को नौकरी मुहैया कराती हैं।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), राष्ट्रीय दिवाला एवं शोधन कानून, प्रत्यक्ष विदेशी नियमों में ढील समेत मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सुधार एजेंडे से आने वाले वर्षोंं में आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे। पेन्नी ने कहा कि दोनों देश साथ में मिलकर ज्यादा प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं। आने वाले वर्षों में यात्रा-पर्यटन एवं प्रांतीय संबंधों को लेकर वह अधिक उत्साहित भी हैं। पेन्नी कल से तीन दिन की भारत यात्रा पर जा रही हैं। इस दौरान वह भारतीय उद्यमियों से मुलाकात करेंगी।
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