नई दिल्ली। सरकार ने सेबी के वर्तमान चेयरमैन यूके सिन्हा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है, अब वह एक मार्च 2017 तक बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन बने रहेंगे। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन सिन्हा का मौजूदा कार्यकाल 17 फरवरी को खत्म हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सिन्हा का कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है सेबी चेयरमैन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिन्हा ने अनेक सुधारों का कार्यान्वयन किया, जिनमें आईपीओ, म्यूचुअल फंड और कॉरपोरेट संचालन से जुड़े सुधार शामिल हैं। सरकार ने एक अधिसूचना में कहा है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा की एक मार्च 2017 तक पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दी है। सिन्हा 18 फरवरी 2011 को सेबी के चेयरमैन बने थे। सरकार ने पिछले साल अगस्त में सेबी में सिन्हा के उत्तराधिकारी की तलाश के लिए एक समिति गठित की थी। हालांकि समिति द्वारा सुझाए गए नामों पर कोई सहमति नहीं बन सकी है।
सिन्हा 1976 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 18 फरवरी 2011 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड के चेयरमैन का पदभार संभाला था। उनकी नियुक्ति पूर्व यूपीए सरकार ने की थी। तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया गया था। सरकार ने पिछले साल अगस्त में सिन्हा के स्थान पर नए व्यक्ति की खोज के लिए कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक समिति द्वारा चयनित लोगों की लिस्ट में एसबीआई चेयरपर्सन अरुधंति भट्टाचार्य, पूर्व एफएमसी चेयरमैन रमेश अभिषेक और थॉमस मैथ्यू का नाम शामिल है। मैथ्यू फाइनेंस मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सेक्रेटरी (कैपिटल मार्केट) की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
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