लंदन। पश्चिमी लंदन में 80 मील दूर कचड़े के ढेर पर एड्रिआन ग्रिफिथ्स अपने नए आविष्कार का परीक्षण कर रहे हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि वह दुनिया के समुद्रों को प्लास्टिक के कचड़े से प्रदूषित होने से बचा लेंगे और इसके जरिये वह लाखों की कमाई भी करेंगे।
उनकी मशीन, जिसका आकार एक टेनिस कोर्ट के बराबर है, पेट्रोलियम बेस्ड उत्पादों- क्लिंग रैप, पोलीस्टर क्लोथिंग, कारपेट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स- को कुचल कर उन्हें दोबारा तेल में परिवर्तित कर रही है। इसमें एक सेकेंड से भी कम का समय लग रहा है और परिणामस्वरूप प्राप्त ईंधन, जिसे प्लाक्स कहा जाता है, का उपयोग को दोबारा प्लास्टिक बनाने या शिप इंजन को चलाने में किया जा सकता है।
ग्रिफिथ्स ने कहा कि वह दुनिया में प्लास्टिक का इतिहास बदलना चाहते हैं। रिसाइकलिंग टेक्नोलॉजीज के सीईओ एड्रिआन ग्रिफिथ्स स्वीडन में एक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रतिदिन 2.4 टन प्लास्टिक कचड़े को इस मशीन के जरिये ईंधन में परिवर्तित कर रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी में यूके सरकार के अलावा 100 से ज्यादा प्राइवेट इनवेस्टर्स ने निवेश किया है।
इस मशीन में प्लास्टिक कचड़े को बिना छांटे प्रोसेस करने के लिए वारविक यूनिवर्सिटी में विकसित की गई फीडस्टॉक रिसाइकलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
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