न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेरिट आधारित इमीग्रेशन सिस्टम का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव से भारतीयों को अधिक फायदा मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है, क्योंकि अधिकांश भारतीयों के पास उच्च स्तर की शिक्षा और कौशल होता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इस प्रस्ताव को कैसे लागू किया जाएगा।
ट्रंप ने मंगलवार रात कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका को भी मौजूदा पुराने पड़ चुके कार्यक्रम के स्थान पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की तरह मेरिट आधारित सिस्टम का उपयोग करते हुए ग्रीन कार्ड देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य तमाम देशों में मेरिट आधारित इमीग्रेशन सिस्टम है। उन्होंने कहा कि यह एक बुनियादी सिद्धांत है कि जो लोग हमारे देश में आना चाहते हैं, वे आर्थिक रूप से अपना निर्वाह करने में सक्षम हों।
ट्रंप ने कहा कि देश में अकुशल लोगों को आने देने की वर्तमान प्रणाली को बंद करके मेरिट आधारित सिस्टम अपनाने के कई लाभ होंगे। इससे अमेरिकी मुद्रा बचेगी, कर्मचारियों का वेतन बढ़ेगा और यह संघर्षरत परिवारों के लिए भी लाभकारी होगा।
- उन्होंने कहा अमेरिकी नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए रिपब्लिकन्स और डेमोक्रेट्स को साथ मिलकर काम करना चाहिए।
- हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मेरिट आधारित प्रणाली किस प्रकार काम करेगी।
- कनाडा में इमीग्रेशन के आवेदनकर्ताओं को शिक्षा, कौशल, भाषा और पारिवारिक पृष्ठभूमि जैसी विभिन्न योग्यताओं के लिए अंक दिए जाते हैं और इसी आधार पर उन्हें प्रवास की अनुमति दी जाती है।
- वर्तमान में अमेरिकी इमीग्रेशन सिस्टम के अनुसार हर देश से कुल प्रवासियों में से अधिकतम सात प्रतिशत लोग ही अमेरिका प्रवास के लिए जा सकते हैं।
- हालांकि अमेरिकी नागरिकों के निकट संबंधियों को इस नियम से छूट दी गई है।
- इस नियम के चलते भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए कई साल इंतजार करना पड़ता है।
- रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड्स पर भी 1,40,000 की सीमा तय है।
- ट्रंप ने अपने चुनावी वादों को पूरा करते हुए अवैध आव्रजन पर कड़ा रुख अख्तियार किया है।
- उन्होंने मेक्सिको की सीमा पर दीवार के निर्माण का फैसला भी किया है।
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