वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) का वेतन स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग (एचएचएस) को दान कर दिया है। उन्होंने यह दान अफीम के अत्याधिक सेवन से होने वाले मानसिक प्रभावों (ओपिऑइड) से लड़ने में मदद के लिए किया है।
डोनाल्ड ट्रंप का वार्षिक वेतन 4,00,000 डॉलर है। इस हिसाब से एक तिमाही का वेतन 1,00,000 डॉलर बनता है।यदि इसे भारतीय रुपए में परिवर्तित किया जाए तो शुक्रवार को एक डॉलर का मूल्य 64.45 रुपए है, इस लिहाज से अमेरिका के राष्ट्रपति का सालाना वेतन तकरीबन 25,780,000 रुपए बनता है। अब यदि इसे एक लाख डॉलर से गुणा किया जाए तो यह रकम बनती है 6,445,000 रुपए। यानी की राष्ट्रपति ट्रंप ने 64.45 लाख रुपए दान में दिए हैं।
भारत में राष्ट्रपति की मासिक सैलरी 5 लाख रुपए है और इस लिहाज से उन्हें साल भर में 60 लाख रुपए वेतन के रूप में मिलते हैं। भारत के राष्ट्रपति से यदि अमेरिका के राष्ट्रपति की तुलना की जाए तो इस लिहाज से अमेरिका के राष्ट्रपति को भारत के राष्ट्रपति से लगभग चार गुना ज्यादा सैलरी मिलती है।
एचएचएस की कार्यवाहक सेक्रेटरी एरिक हार्गन ने यहां व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि वेतन दान करने का उनका निर्णय उनकी दया, उनकी देशभक्ति और अमेरिकी लोगों के प्रति उनके कर्तव्य को दिखाता है। लेकिन उनकी सहानुभूति सबसे ऊपर है क्योंकि एचएचएस उनके दान का उपयोग अमेरिका के सबसे बड़े संकट ओपिऑइड से निपटने में करने वाला है।
बराक ओबामा और जॉर्ज डब्ल्यू बुश को भी सालाना 4 लाख डॉलर का वेतन मिलता था। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में मिलने वाला पूरा वेतन समाजसेवा के लिए दान कर दिया था। हार्गन ने कहा कि अपने कार्यकाल के पहले दिन से ट्रंप सरकार ने इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया है। वह यह कार्य पूरे संघीय सरकार के स्तर पर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओपिऑइड से हर दिन करीब 175 अमेरिकियों की मौत होती है। यही वजह है कि अक्टूबर में अपने भाषण में ट्रंप ने एचएचएस से इस समस्या को राष्ट्रीय संकट घोषित करने के लिए कहा।
Latest Business News