नई दिल्ली। चीन से आयात होने वाले ट्रक और बस रेडियल टायर पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की मांग करते हुए ऑटोमोटिव टायर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2016-17 में ट्रक और बस रेडियल टायर (टीबीआर) का आयात 9 प्रतिशत बढ़ा है, जो चिंता का विषय है।
एटीएमए ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में टीबीआर का आयात लगातार बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 में इसके आयात ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। पिछले वित्त वर्ष में प्रति माह 1.2 लाख यूनिट का औसत आयात हुआ है। वित्त वर्ष 2013-14 में प्रति माह केवल 40,000 यूनिट का आयात होता था। यह भी पढ़े: मारुति सुजुकी ने नए अंदाज के साथ लॉन्च की नई डिजायर, कीमत 5.45 लाख रुपए से शुरू
एटीएमए ने कहा है कि इस तरह आयात में लगातार वृद्धि के रुख से घरेलू उद्योग हतोत्साहित होता है। एटीएमए ने एक बयान में कहा कि बदले जाने वाले टीबीआर में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी आयातित टायरों की है। इससे घरेलू विनिर्माण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जिन्होंने टीबीआर विनिर्माण के लिए भारी निवेश किया है।
पिछले तीन-चार वर्षों में भारत के टायर उद्योग में नया निवेश करीब 35,000 करोड़ रुपए का हुआ है और यह मुख्य तौर पर टीबीआर विनिर्माण क्षमता को विकसित करने के लिए किया गया है।
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