नई दिल्ली। वर्तमान में बड़े शहरों की तात्कालिक चुनौती के तौर पर व्याप्त परिवहन ढांचे को प्रभावी बनाने के लिए सरकारों को इसके विकास से नागरिकों को जरूर जोड़ना चाहिए। यह बात अर्नेस्ट एंड यंग की एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सतत परिवहन नीति के विकास की शुरूआत में सरकार को नागरिकों के व्यवहार को देखना चाहिए। कंपनी ने यह रिपोर्ट ऑल चेंज, प्लीज: हाउस शिफ्टिंग पैसेंजर बिहेवियर कैन इंप्रूव मोबिलिटी इन सिटीज नाम से पेश की है। इसमें कहा गया है कि परिवहन ढांचे के विकास को और अधिक टिकाऊ समाधान बनाने के लिए यह समझना बेहद आवश्यक है कि नागरिक उसका कैसे प्रयोग करते हैं।
वर्तमान में डिजिटल इनोवेशंस से लोग यातायात एप के माध्यम से स्वयं के आने-जाने का प्रबंध करते हैं। मांग पर सेवा और वास्तविक समय की जानकारी यह सब एप पर उपलब्ध है और इसी से राइड-शेयरिंग (मिल कर टैक्सी किराए पर लेना) जैसे नए यात्रा समाधान निकलकर आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवहन नीति की योजनाओं में लोगों की व्यवहारिक अर्थशास्त्र को लागू करने से प्रभावी सेवाएं मुहैया कराने और बेहतर शहरी वातावरण के निर्माण में मदद मिलेगी।
लोनटैप ने उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों से जुटाए 30 लाख डॉलर
वित्तीय प्रौद्योगिकी मंच लोनटैप ने कहा कि उसने उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों एचएनआई – अभिषेक पांडेय और जयसुख सप्रा – से पहले दौर का वित्तपोषण प्राप्त कर लिया है। लोनटैप ने कहा कि मुंबई के एचएनआई से प्राप्त वित्तपोषण के करीब 85 प्रतिशत हिस्से का उपयोग ऋण के लिए गया जाएगा जबकि शेष हिस्से का उपयोग प्रौद्योगिकी और वितरण ढांचे में बढ़ोतरी के लिए किया जाएगा।
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