नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा है कि वाहन क्षेत्र में बदलाव आना तय है और अब हम इलेक्ट्रिक परिवहन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अगुवा बनाने के लिए बदलाव लाने का काम वाहन उद्योग को करना है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि अगले दो साल के दौरान बैटरियों के दाम और नीचे आएंगे। इससे उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी। उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग में हम वाहन क्षेत्र में इनोवेशन, दक्षता तथा निवेश को प्रोत्साहन के लिए सभी उपाय कर रहे हैं। इससे विशेषरूप से उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शुरुआती अग्रिम लागत कम होगी। मैं इलेक्ट्रिक वाहनों पर इसलिए जोर दे रहा हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि यह बदलाव अपरिहार्य है।’’
कांत ने कहा कि हम कॉम्पैक्ट कार विनिर्माण का केंद्र है। यदि हम इनोवेशन नहीं करेंगे और बदलाव नहीं लाएंगे, तो हम इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण में सबसे आगे रहने का अवसर गंवा देंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बैटरियों के दाम उम्मीद से ज्यादा तेजी से घट रहे हैं, ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए नीचे आएंगी। उन्होंने कहा कि अगले दो साल में बैटरियों के दाम और घटेंगे। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि देश में दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया, वाणिज्यिक वाहनों के साथ लंबी दूरी के वाहनों का ‘चैंपियन’ बनने की क्षमता है। कांत ने वाहन विनिर्माताओं से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को समर्थन देने के लिए शोध और विकास में निवेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत मूल्य की दृष्टि से संवेदनशील बाजार है। ऐसे में इनोवेटिव कारोबारी विकल्प मसलन बैटरी की अदला-बदली और लीजिंग से इसकी लागत घटेगी। कांत ने कहा कि भारत में बैटरी विनिर्माण में भी अगुवा बनने की क्षमता है।
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