नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) नेट न्यूट्रैलिटी पर अपना रुख अक्टूबर के अंत तक साफ करेगा। TRAI के चेयरमैन आरएस शर्मा ने यह भी कहा कि इसी के साथ नियामक व्हाट्सऐप, हाइक और स्पाइक जैसी ओवर-द-टॉप एप्लीकेशनों (OTT) ऐप से जुड़े बचे हुए मुद्दों पर भी चर्चा शुरु करेगा। TRAI ने नेट न्यूट्रैलिटी के विवादित मुद्दे पर सभी पक्षों से बातचीत को पूरा कर लिया है और वह अब अपनी सिफारिशों का मसौदा तैयार कर रहा है।
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शर्मा ने कहा कि नेट न्यूट्रैलिटी पर TRAI अपने दृष्टिकोण को अक्टूबर के अंत तक अंतिम रुप दे देगा। नेट न्यूट्रैलिटी का अर्थ है कि दूरसंचार कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को डाटा की गति और कीमत को लेकर बिना किसी भेदभाव के सभी तक पहुंचाना चाहिए। यह मुद्दा विवादित तब हुआ जब कुछ इंटरनेट सेवा प्रदाताओं ने इंटरनेट पर सेवा या सामग्री देने वाली विभिन्न कंपनियों के साथ विशेष साझेदारी कर उन्हें अन्य वेबसाइट इत्यादि के मुकाबले बेहतर इंटरनेट गति और उन साइटों तक इंटरनेट की मुफ्त पहुंच सुनिश्चित करना शुरू किया।
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शर्मा ने कहा कि TRAI इसी के साथ OTT ऐप से जुड़े बचे मुद्दों पर परिचर्चा शुरु करने की भी तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि OTT पर परामर्श पत्र हमने 2015 में सामने रखा था। तब से अब तक कई मुद्दों का समाधान हो चुका है। अब बचे हुए मुद्दों पर हम जल्द ही एक परिचर्चा पत्र जारी करेंगे।
उल्लेखनीय है कि OTT ऐप ऐसी इंटरनेट सेवाएं होती हैं जो किसी उपयोक्ता के इंटरनेट सेवा प्रदाता द्वारा सीधे तौर पर नहीं दी जाती हैं। इनमें विभिन्न तरह के कॉलिंग, मैसेजिंग एप और वीडियो सामग्री जैसी साइटें शामिल हैं।
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