Delhi To Mumbai: अब 7 घंटे में पूरा होगा रेल सफर, इसी साल चलेगी देश में मिनी बुलेट ट्रेन
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच का रेल सफर सिर्फ 7 घंटे में पूरा होगा। हां, यह कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच का रेल सफर सिर्फ 7 घंटे में पूरा होगा। हां, यह कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत है। स्पेन की टेलगो कंपनी मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत देश में जल्द ही हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल शुरू करने वाली है। रेलवे बोर्ड ने ट्रायल के लिए कंपनी को हाईटेक रेक को इंपोर्ट करने की अनुमति दे दी है। हाईटेक कोच के रैक आने पर पहला ट्रायल दिल्ली-मुंबई रूट पर 160 से 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से होगा। इस रफ्तार से दिल्ली-मुंबई के बीच मौजूदा रेल सफर का समय 17 घंटे से घटकर 7 से 12 घंटे के बीच का रह जाएगा। ट्रायल सफर रहने पर इस साल के अंत तक इस रूट पर मिनी बुलेट ट्रेन के चलने की संभावना है।
ट्रायल को मिली मंजूरी
रेलवे बोर्ड ने स्पेनिश कंपनी टेलगो को भारत में दो रेल रूट पर इन हाईस्पीड ट्रेनों के ट्रायल को हरी झंडी दे दी है। इसमें पहला दिल्ली-मुंबई का रूट है। खास बात ये है कि इन ट्रेनों का ट्रायल मौजूदा ट्रैक पर ही किया जाएगा। टेलगो कंपनी की ट्रेन की खासियत ये है कि इसके पहिए मौजूदा पटरियों पर ही तेज रफ्तार से चल सकते हैं। ये ट्रेन आमतौर पर चलने वाली ट्रेनों से हल्की होती हैं और यही वजह से कि इसकी तेज रफ्तार को मौजूदा पटरियां बर्दाश्त कर लेंगी।
राजधानी से डेढ़ गुना ज्यादा स्पीड से चलेगी ट्रेन
टेलगो ट्रेन की रफ्तार अभी दिल्ली-मुंबई रूट पर सबसे तेज चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस से डेढ़ गुना ज्यादा होगी। अभी राजधानी एक्सप्रेस मौजूदा पटरियों पर अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है और दिल्ली-मुंबई के बीच का 1400 किलोमीटर का सफर 80 से 85 किलोमीटर के एवरेज स्पीड से 17 घंटे में पूरा करती है। वहीं टेलगो ट्रेन इसी दूरी को 160 से 220 किलोमीटर की रफ्तार पर 7 से 12 घंटे के बीच में पूरा करेगी।
देखिए रेलवे से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट
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विदेशों में है लोकप्रिय
टेलगो ट्रेन अमेरिका, रूस समेत कई देशों में बेहद लोकप्रिय है। इस ट्रेन में रफ्तार के साथ वो सबकुछ है, जिसकी जरूरत ट्रेन में सफर करने वाले यात्री महसूस करते हैं। हाईस्पीड ट्रेन के कोच में जहां बैठने के लिए एयरोप्लेन की तरह सीटें हैं तो वहीं सोने के लिए बेहद आरामदायक स्लीपर कोच भी हैं। ट्रेन में लो फ्लोर कोच लगे हुए हैं, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म से ट्रेन में चढ़ने-उतरने में काफी आसानी होती है।
प्रदूषण कम करने में भी सहायक
एक टेलगो ट्रेन की कैपिसिटी 550 यात्रियों को ले जाने की होती है। कंपनी का दावा है कि इस ट्रेन में सफर के दौरान दूसरे ट्रेनों के मुकाबले यात्रियों को कंपन काफी कम महसूस होता है साथ ही इससे होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी काफी कम होता है। टेलगो ट्रेन दूसरे ट्रेनों के मुकाबले काफी हल्की होती है, ऐसे में करीब 30 फीसदी बिजली की बचत होती है और चलाने का खर्च भी कम आता है।