नई दिल्ली। कंज्यूमर को कॉल ड्रॉप से निजाद दिलाने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई अब नए फॉर्मूले पर काम करने जा रहा है। ट्राई ने फैसला किया है कि कॉलड्रॉप से निपटने में फिसड्डी रही मोबाइल कंपनियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। ट्राई को भरोसा है कि इस बदनामी से कंपनियों की गुडविल खराब होगी। इससे बचने के लिए वे अपनी सर्विस सुधारने पर जोर देंगी।
हर्जाना वसूलने की पूरी तैयारी में ट्राई
इससे पहले ट्राई ने सभी मोबाइल ऑपरेटरों से कॉल ड्रॉप पर हर्जाना चुकाने के लिए भी तैयार रहने को कहा है। ट्राई साफ कर चुका है कि कॉल ड्रॉप पर ग्राहक को हर्जाना देने का घोषित नियम लागू होगा। नए नियम के अनुसार प्रत्येक कॉल ड्रॉप के लिए कंपनियों को एक रुपए का हर्जाना ग्राहकों को देना होगा। यह हर्जाना अधिकतम तीन रुपया रोजाना होगा। ट्राई के मुताबिक यह योजना अभी देश के कुछ ही हिस्सों में लागू होगी, बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से सभी शहरों में लागू किया जाएगा। Call Drop: TRAI और टेलीकॉम ऑपरेटर आमने-सामने, कंपनियों ने दी कॉल रेट बढ़ाने की धमकी
महंगे हो सकते हैं कॉल रेट
इससे पहले मोबाइल ऑपरेटर्स के संगठन सीओएआई और एयूएसपीआई ने ट्राई को पत्र लिखकर कहा है कि कॉल ड्रॉप पर एक जनवरी 2016 से प्रति कॉल एक रुपए का हर्जाना देने वाला नियम लागू होने से मोबाइल कॉल की दरें बढ़ेंगी। कंपनियों ने कहा है कि वे अपनी ओर से बेहतर सेवाएं देने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन यदि फिर भी ट्राइ दबाव बढ़ाता है, तो इसके लिए उपभोक्ताओं पर बोझ डाला जा सकता है।
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