नयी दिल्ली। कॉल-ड्रॉप से परेशान मोबाइल कंज्यूमर के लिए राहत भरी खबर है। टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से कॉल ड्रॉप नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। ट्राई ने पिछले साल अक्टूबर सभी टेलिकॉम कंपनियों से कॉल ड्रॉप होने पर कंज्यूमर को भुगतान करने का नियम जारी किया था। यह नियम एक जनवरी से प्रभावी होना था। लेकिन ट्राई की इस सख्ती के खिलाफ कंपनियों ने विद्रोही रुख कायम रखा है। कंपनियों का कहना है कि वे इस मद में ग्राहकों को मुआवजा तभी देंगी जबकि अदालती आदेशों में उनसे ऐसा करने को कहा जाएगा।
1 जनवरी से लागू हुआ है ट्राइ का नया नियम
ट्राई ने सभी टेलिकॉम कंपनियों को पत्र लिखा है और इस उम्मीद के साथ उन्हें याद दिलाया है कि कंपनियों ने इसके अनुपालन के लिए सारी तैयारी कर ली होगी। ट्राई ने 16 अक्तूबर, 2015 को दूरसंचार उपभोक्ता सुरक्षा नियमन के संबंध में संशोधन जारी किया है जिसमें उसने एक नियम जोड़ा है कि मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी अपने नटवर्क में किसी कमी के कारण फोन कॉल खुद कट जाने यानी कॉल ड्राप के लिए उपभोक्ताओं की हर्जाना देंगे। इस नियम के तहत दूरसंचार कंपनियां हर कॉल ड्राप के लिए एक रुपए का मुआवजा देंगी और भुगतान की सीमा तीन रुपए प्रतिदिन होगी।
टेलिकॉम कंपनियां पहुंची दिल्ली हाईकोर्ट
दूरसंचार कंपनियों ने इस नियम के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। एसोसिएशन ऑफ यूनिफाइड टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स आफ इंडिया के महासचिव अशोक सूद ने कहा, यह मामला अभी न्यायालय में है और हम उपभोक्ताओं को भुगतान तभी करेंगे जबकि अदालत हमें ऐसा करने के लिए कहता है। ट्राई ने अदालत से कहा है कि वह छह जनवरी को सुनवाई होने तक कॉल ड्रॉप के मुआवजे के मानदंड का अनुपालन न करने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
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