नई दिल्ली। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने अगले दौर की नीलामी में प्रीमियम 700 मेगाहट्र्ज बैंड में एक मेगाहट्र्ज ऑल-इंडिया स्पेक्ट्रम का बेस प्राइस 11,485 करोड़ रुपए रखने की सिफारिश की है। यह किसी भी फ्रीक्वेंसी बैंड में अब तक सबसे ऊंचा मूल्य होगा। कुल मिलाकर ट्राई ने सात बैंडों के स्पेक्ट्रम का मूल्य सुझाया है। इस सिफारिशों के आधार पर अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी में सरकार को 5.36 लाख करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि प्राप्त हो सकती है।
सात फ्रिक्वेंसी बैंडों के बेस प्राइस की सिफारिश
ट्राई ने सात फ्रिक्वेंसी बैंडों में स्पेक्ट्रम मूल्य के बारे में सुझाव दिया है। 2जी स्पेक्ट्रम या 1800 मेगाहट्र्ज के स्पेक्ट्रम के लिए ऑल-इंडिया स्तर पर 2,873 करोड़ रुपए प्रति मेगाहट्र्ज के आधार मूल्य का सुझाव दिया गया है। 1800 मेगाहट्र्ज के स्पेक्ट्रम के लिए सुझाया गया मूल्य मार्च, 2015 की नीलामी से 31 फीसदी ऊंचा है। ट्राई के सर्कुलर के अनुसार 700 मेगाहट्र्ज में सर्विस प्रोवाइड करने की लागत 2100 मेगाहट्र्ज बैंड से करीब 70 फीसदी कम बैठती है। 2100 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल मुख्य रूप से 3जी सर्विस लिए होता है। हालांकि कुछ प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर ने इस बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी फिलहाल स्थगित रखने की मांग की है। नीलामी इस साल मई-जून में होने की उम्मीद है।
नई कीमत नीलामी में तय से 60 फीसदी अधिक
रेगुलर के पास उपलब्ध सभी 3जी स्पेक्ट्रम को कुछ ऊंचे मूल्य 3,746 करोड़ रुपए प्रति मेगाहट्र्ज पर बेचने का सुझाव दिया है। मार्च, 2015 में इसकी नीलामी का मूल्य 3,705 करोड़ रुपए प्रति मेगाहट्र्ज तय किया गया था। इसके अलावा ट्राई ने 800 मेगाहट्र्ज बैंड के स्पेक्ट्रम की नीलामी 5,829 करोड़ रुपए प्रति मेगाहट्र्ज के न्यूनतम मूल्य के आधार पर करने की सिफारिश की है। इस स्पेक्ट्रम की मांग 4जी सेवाओं के लिए है। नया आधार मूल्य पिछली नीलामी में तय 3,646 करोड़ रुपए के आधार मूल्य से 60 फीसदी अधिक है। ट्राई ने 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी 22 में से 19 दूरसंचार सर्किलों में करने का सुझाव दिया है।
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