नई दिल्ली। 4जी के लिए भारी-भरकम पैसे का भुगतान करने के बावजूद अगर आपको सुस्त इंटरनेट स्पीड और सिग्नल की समस्या से जूझना पड़ रहा है तो आपके लिए यह खबर काम की है। टेलीकॉम नियामक ट्राई ने ग्राहकों की समस्यों के मद्देनजर देश में टेलीकॉम टैरिफ पर नियंत्रण की शुरुआत कर दी है।
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- ट्राई ने अपने नए कंसलटेशन पेपर में टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान्स में पारदर्शिता, योजनाओं की वैधता, महंगी प्राइसिंग और मोबाइल कंपनियों की मनमर्जी से लेकर उपभोक्ताओं को होने वाली सभी समस्याओं पर चर्चा की है।
- ट्राई का कहना कि उसने ग्राहकों को उपलब्ध होने वाली सेवाओं की पारदर्शिता के लिए कई कदम उठाए हैं।
- इसके बावजूद उपभोक्ताओं की टैरिफ ऑफर्स से लेकर तमाम मामलों पर काफी शिकायतें आ रही हैं।
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ट्राई ने कहा है कि
- डाटा से जुड़े नए प्लान काफी लोकप्रिय हो रहे हैं लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा ज्यादा चार्ज करने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं।
- डाटा से जुड़े कई पैक्स में रात में ज्यादा चार्ज किया जाता है जिसकी जानकारी सही तरह से नहीं दी जाती।
- ऐसे ही नेट स्पीड से जुड़ी जानकारी भी उपभोक्ता को साफ शब्दों में नहीं दी जाती।
- ट्राई ने इन मसलों से निपटने के लिए सुझाव मांगे हैं।
- ट्राई ने ऑपरेटरों द्वारा ज्यादा चार्ज करने के बावजूद सही सेवाएं न दे पाने की बात को भी उठाया है।
- इस कंसलटेशन पेपर पर ट्राई ने 17 मार्च तक सुझाव मांगे हैं।
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