नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने रिलायंस जियो को फोन कॉल्स पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंटरकनेक्ट पॉइंट (पीओआई) उपलब्ध न कराने के मामले में एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के खिलाफ 3,050 करोड़ रुपए के जुर्माने का मजबूती से बचाव किया है।
दूरसंचार विभाग द्वारा उठाए गए सवालों का क्रम से जवाब देते हुए TRAI ने कहा कि तीनों मौजूदा ऑपरेटरों ने जान बूझकर रिलायंस जियो को पीओआई उपलब्ध कराने में देरी की, जिससे नई कंपनी के प्रवेश में अड़चन लगाई जा सके। इससे उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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उसने कहा कि दूरसंचार ऑपरेटर लाइसेंस शर्तों से बंधे हुए हैं और उनके लिए सेवाओं की गुणवत्ता कायम रखने जरूरी है। ऐसे में किसी तरह के उल्लंघन को लाइसेंस के नियम और शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। TRAI ने कहा कि लाइसेंस के नियओं और शर्तों का पालन नहीं करने पर लाइसेंस वापस लिया जा सकता है। हालांकि, प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं को असुविधा से बचाने के लिए इस तरह का कदम न उठाते हुए वृहद जनहित में प्रति सर्किल 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की।
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दूरसंचार विभाग ने फरवरी में TRAI से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। TRAI से यह बताने को कहा गया था कि किस आधार पर यह जुर्माना लगाया गया है और इसकी गणना कैसे की गई है। कानून के किस प्रावधान के तहत यह फैसला किया गया है।
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