नयी दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी (एमएनपी) के संशोधित नियमों को लागू करने की समय सीमा 11 नवंबर तक बढ़ा दी है। पहले यह समयसीमा 30 सितंबर 2019 तक थी। एमएनपी के तहत दूरसंचार उपभोक्ता को अपना पुराना नंबर बदले बिना नया सेवाप्रदाता चुनने की सुविधा मिलती है। ग्राहकों के लिए यह सुविधा ज्यादा तेज और आसान बनाने के लिए ट्राई ने इसके नियमों को संशोधित किया है।
पुराने नियमों के अनुसार पहले इस प्रक्रिया में सात दिन लगते थे। नये नियमों के तहत अब एक ही सेवा क्षेत्र में नंबर पोर्टिबिलिटी के आवेदन पर दो दिन में कार्रवाई पूरी करनी होगी। दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनियों के और समय मांगने के बाद ट्राई ने इसकी 30 सितंबर की समयसीमा को बढ़ाकर 11 नवंबर कर दिया है। नियामक ने दिसंबर में इन संशोधित नियमों को जारी किया था।
कॉल ड्रॉप संबंधी प्रावधानों की समीक्षा करेगा ट्राई
ट्राई की योजना पिछले दो साल से लागू कॉल सेवा गुणवत्ता प्रावधानों के परिणाम की समीक्षा करने की है। ट्राई प्रौद्योगिकी में हुए बदलाव को देखते हुए प्रावधानों को बेहतर बनाने की संभावना की तलाश करने के लिये परामर्श पत्र पेश करने वाला है। ट्राई के चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने कहा कि सेवा गुणवत्ता प्रावधानों में बदलाव के ठीक दो साल हो गए हैं और तब 4जी इतना अधिक इस्तेमाल में नहीं था। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नयी प्रौद्योगिकियां आ रही हैं। इसके कारण बदली परिस्थिति में प्रावधानों को बेहतर बनाना होगा।
शर्मा से पूछा गया था कि उपभोक्ताओं को अभी भी कॉल ड्रॉप से परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास दूरसंचार कंपनियों के प्रदर्शन का दो साल का आंकड़ा है। हम इस बात का परीक्षण कर रहे हैं कि क्या इन्हें बेहतर बनाये जाने की जरूरत है और यह परामर्श के जरिये किया जाएगा। हम दो साल का अनुभव संबंधित पक्षों के साथ साझा करेंगे और उनका दृष्टिकोण जानेंगे कि कैसे इसे बेहतर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में ट्राई जल्दी ही परामर्श पत्र लेकर सामने आएगा।
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