नई दिल्ली। कॉल ड्रॉप की बढ़ती समस्या के बीच टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने सरकार से उसे मोबाइल ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने का अधिकार देने की मांग की है। कॉल ड्रॉप के मामले में ज्यादातर ऑपरेटर गुणवत्ता के बेंचमार्क पर विफल साबित हुए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि रेगुलेटर के पास कॉल ड्रॉप मामले में टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है।
ट्राई के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निष्कर्ष दिया है कि ट्राई के पास कॉल ड्रॉप के लिए ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है। हम दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर ट्राई कानून में संशोधन के लिए कहेंगे, जिससे हमें अधिक अधिकार मिल सकें। शीर्ष अदालत ने हाल में ट्राई के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें कॉल ड्रॉप के लिए ऑपरेटरों को उपभोक्ताओं को एक रुपए प्रति कॉल की दर से मुआवजा देने का प्रावधान किया गया था। एक ग्राहक को एक दिन में अधिकतम तीन रुपए तक का मुआवजा मिलना था।
तस्वीरों में जानिए 4जी प्लान
4G data plans airtel vodafone and idea
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
फिलहाल उपभोक्ताओं और टेलीकॉम ऑपरेटरों के बीच विवाद के मामले उपभोक्ता अदालतें नहीं देखती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में अपने फैसले के जरिए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत इस क्षेत्र के मामलों पर रोक लगाई हुई है। शीर्ष अदालत का कहना कि भारतीय टेलीग्राफ कानून के तहत इसके लिए विशेष राहत की व्यवस्था है। दूसरी ओर ट्राई ने आज 3 से 6 मई के दौरान दिल्ली में किए गए परीक्षण अभियान के नतीजे प्रकाशित किए। नियामक अगले 15 दिन में 12 और शहरों के नतीजे प्रकाशित करेगा। हालांकि, दूरसंचार ऑपरेटरों का दावा है कि उन्होंने अतिरिक्त मोबाइल टावर लगाकर अपने नेटवर्क में सुधार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, एयरटेल और एमटीएनएल के सभी 3जी नेटवर्क, 2जी नेटवर्क तथा आरकॉम के सीडीएमए नेटवर्क का प्रदर्शन पिछले परीक्षण से भी खराब हुआ है।
Latest Business News