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GST Return: शून्य कर देनदारी वाले कारोबारियों को मिल सकती है कम रिटर्न भरने की राहत

कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न भरती होती थी जबकि एक सालाना रिटर्न दाखिल करनी होती थी। कुल मिलाकर उन्हें साल में 37 रिटर्न दाखिल करनी होती हैं

GST returns- India TV Paisa Traders with nil tax liability may get to file GST returns bi-annually

नई दिल्ली। देश में माल एवं सेवाकर( GST) व्यवस्था लागू होने के बाद लगातार 6 माह के दौरान जिन इकाइयों की कर देनदारी शून्य रही है उन्हें आने वाले समय में साल में केवल दो बार ही जीएसटी रिटर्न भरने की अनुमति दी जा सकती है। GST काउंसिल की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। हाल में प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक GST व्यवस्था के तहत जितनी भी रिटर्न अब तक दाखिल की गई हैं उनमे कम से कम 40 प्रतिशत रिटर्न ऐसी रही हैं जिनमें शून्य कर देनदारी है।

ऐसी इकाइयों को अब हर महीने रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। एक नई सरलीकृत रिटर्न प्रक्रिया को लेकर GST काउंसिल की बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में GST काउंसिल की अगली बैठक में GST रिटर्न फार्म प्रक्रिया को सरल किये जाने को लेकर विचार किया जा सकता है। उल्लेखनीय है GST काउंसिल में केन्द्रीय वित्त मंत्रियों के अलावा राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।

समूचे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जिन करदाताओं की कर देनदारी पिछले छह माह के दौरान लगातार शून्य रही है, उन्हें आगेसे छह महीने में एकही बार रिटर्न भरने की आवश्यकता होगी। राजस्व प्राधिकरण द्वारा तैयार किये गये प्रस्ताव के मुताबिक रिटर्न भरने की तारीख को भी अलग अलग किया जायेगा। जिन कारोबारियों का सालाना कारोबार डेढ करोड़ रुपये तक है उन्हें अगले माह की10 तारीख तक रिटर्न भरनी होगी जबकि अन्य कारोबारियों को अगले माह की 20 तारीख तक यह काम करना होगा।

देश में एक जुलाई 2017 से जीएसटी की शुरुआत होने के बाद कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न भरती होती थी जबकि एक सालाना रिटर्न दाखिल करनी होती थी। कुल मिलाकर उन्हें साल में 37 रिटर्न दाखिल करनी होती थी। बादमें उद्योग जगत और व्यावसायियों की शिकायत पर रिटर्न फाइलिंग को सरल बनाने के लिये एक समिति गठित की गई। इसी समिति की सिफारिशों पर अब रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं। 

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