नई दिल्ली। गोल्ड स्कीम को सफल और पॉपुलर बनाने के लिए सरकार को इसे और सरल बनाना चाहिए। ज्वैलर्स और बुलियन डीलर्स चाहते हैं कि सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में जमा कराए जाने वाले सोने का सोर्स ना पूछे। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन ने कहा कि गोल्ड स्कीम में भाग लेने वालों की तरफ से सोर्स ऑफ गोल्ड का डिक्लेरेशन जरूरी नहीं बनाया जाए। इसके बाद ही लोग अपने घरों में रखे सोने को बाहर निकालेंगे। इस स्कीम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नंवबर के शुरूआत में लॉन्च किया था। इसमें अब तक सिर्फ 400 ग्राम सोना ही जमा हो पाया है।
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इंडस्ट्री ने सोर्स ना पूछने की मांग
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बच्छराज बामलवा ने कहा कि शादीशुदा औरतों के लिए बिना सोर्स बताए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में सोना जमा करने की मंजूरी मिलनी चाहिए। इतने सोने को वैल्थ टैक्स के दायरे से भी बाहर रखना चाहिए। वहीं, मर्दों को इस स्कीम में 250 ग्राम तक बिना सोर्स बताए सोना जमा कराने की अनुमति देनी चाहिए। बच्चों के मामले में यह सीमा 100 ग्राम होनी चाहिए।
स्कीम को बनाया जा सकता है सरल
कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने संकेत दिए है कि गोल्ड स्कीम को सरल बनाया जा सकता है। अगर ये स्कीम सफल हो जाती है तो आयात से निर्भरता कम घट जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक इस साल सोने का आयात 1000 टन पार पहुंच सकती है। इंडस्ट्री ने सरकार से ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड सर्टिफाइड ज्वैलर्स को कलेक्शन एजेंट बनाने की भी मांग की है।
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