नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए फसलों के समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को भी सरकार ने खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का ऐलान किया है और 2 महीने पहले ही मोदी सरकार को सत्ता में आए हुए 4 साल हुए हैं, ऐसे में नजर डालते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में कितनी बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़ों पर नडर डालें तो खरीफ मार्केटिंग सीजन 2013-14 से लेकर 2018-19 तक सभी प्रमुख खरीफ फसलों में समर्थऩ मूल्य में सबसे अधिक बढ़ोतरी रागी में दर्ज की गई है जबकि मूंगफली का समर्थन मूल्य सबसे कम बढ़ा है। आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 से लेकर 2018-19 तक रागी के समर्थन मूल्य में 93.13 प्रतिशत और मूंगफली के समर्थन मूल्य में 22.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
अन्य फसलों की बात करें तो इस दौरान धान का समर्थन मूल्य करीब 34 प्रतिशत, ज्वार का 62 प्रतिशत, बाजरा का 56 प्रतिशत, मूंग का 55 प्रतिशत, तुअर का 31.97 प्रतिशत, उड़द का 30.23 प्रतिशत, सोयाबीन का 32.77 प्रतिशत और कपास का 39 प्रतिशत बढ़ा है।
2013-14 से लेकर 2018-19 तक अलग-अलग खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोतरी इस तरह से है।
Kharif MSP rise From 2013-14 to 2018-19 फसल | 2018-19 का समर्थन मूल्य (रु/क्विंटल) | 2013-14 का समर्थन मूल्य (रु/क्विंटल) | बढ़ोतरी (%) |
सामान्य धान | 1750 | 1310 | 33.58 |
ए ग्रेड धान | 1770 | 1345 | 31.59 |
ज्वार | 2430 | 1500 | 62 |
बाजरा | 1950 | 1250 | 56 |
तुअर | 5675 | 4300 | 31.97 |
मूंग | 6975 | 4500 | 55 |
उड़द | 5600 | 4300 | 30.23 |
मूंगफली | 4890 | 4000 | 22.25 |
सूरजमुखी | 5388 | 3700 | 45.62 |
सोयाबीन | 3399 | 2560 | 32.77 |
तिल | 6249 | 4500 | 38.86 |
कपास (मीडियम स्टे.) प्रति170 किलो | 5150 | 3700 | 39.18 |
कपास (लॉन्ग स्टे.) प्रति170 किलो | 5450 | 4000 | 36.25 |
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