नई दिल्ली। देश की टॉप तीन टेलीकॉम कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने हाल में संपन्न नीलामी में पर्याप्त स्पेक्ट्रम हासिल कर लिया है, जिससे वे रिलायंस जियो को टक्कर दे सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इससे ये कंपनियां दूसरे ऑपरेटरों के ग्राहकों को खींचने में अधिक सक्षम हो सकेंगी।
स्पेक्ट्रम नीलामी कल संपन्न हुई। इसे अब तक की सबसे बड़ी नीलामी होने का दावा किया जा रहा था। पांच दिन की नीलामी में सिर्फ 65,789 करोड़ रुपए की बोलियां आईं, जबकि सरकार 5.6 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद कर रही थी। प्रीमियम 4जी स्पेक्ट्रम सहित करीब 60 फीसदी स्पेक्ट्रम नीलामी में बिक नहीं पाया।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने एक रिपोर्ट में कहा कि
हमारा विश्वास है कि तीनों टॉप कंपनियों के पास पर्याप्त 4जी स्पेक्ट्रम है, जिससे वे जियो को चुनौती दे सकती हैं। इसके साथ ही हमें छोटी कंपनियों का तेजी से एकीकरण देखने को मिलेगा।
- तीनों टॉप ऑपरेटरों के पास एक गीगाहर्ट्ज से कम 4जी स्पेक्ट्रम है, जो जियो के पास है।
- इस बात की संभावना है कि ये कंपनियां भविष्य में 4जी स्पेक्ट्रम की खरीद करेंगी।
ईवाई ग्लोब टेलीकॉम के लीडर प्रशांत सिंघल ने कहा,
उद्योग का कहना है कि 700 मेगाहर्ट्ज का बहुत ऊंचा मूल्य प्रमुख वजह है, जिससे इस बैंड के स्पेक्ट्रम के लिए खरीदार नहीं मिले। 60 प्रतिशत स्पेक्ट्रम के लिए बोली नहीं लगी। इससे पता चलता है कि ऑपरेटर मौजूदा बाजार मूल्य पर बहुत भारी निवेश करने के इच्छुक नहीं हैं।
तस्वीरों में देखिए रिलायंस जियो का ऑफर
reliance JIO offers
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- गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों ने हमारे अनुमान से अधिक स्पेक्ट्रम खरीदा है।
- प्रति सर्किल औसत 50 से 60 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का मतलब है कि निकट भविष्य में भारती और जियो को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की जरूरत नहीं होगी।
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