नई दिल्ली। देश की टॉप 100 कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पर 5,240 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। चालू वित्त वर्ष में इसमें 850 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च का अनुमान है। कंसल्टिंग कंपनी आईआईएएस के रिसर्च के अनुसार वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान सीएसआर पर 3,000 करोड़ रुपए खर्च किया था। कंपनी कानून 2013 के अनुसार एक निर्धारित वित्तीय सीमा के दायरे में आने वाली कंपनियों को पिछले तीन साल के शुद्ध लाभ का कम-से-कम दो फीसदी सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करने की जरूरत है।
लोगों की भलाई पर खर्च किए 65 फीसदी
आईआईएएस ने कहा कि 100 कंपनियों में से 95 को कंपनी कानून के तहत सीएसआर मद में खर्च करने की आवश्यकता थी क्योंकि शेष तीन को औसतन नुकसान हुआ। अध्ययन के अनुसार इन 95 कंपनियों का सीएसआर खर्च 5,190 करोड़ रुपए रहा। हालांकि अन्य को नुकसान हुआ लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सीएसआर मद में 50 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें कहा गया है कि कुल सीएसआर खर्च में करीब 65 फीसदी परामर्थ कार्यों पर खर्च किए गए।
कंपनियों ने स्वच्छ भारत कोष में 47 करोड़ किया
रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, 19 कंपनियों ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 61 करोड़ रुपए और सात कंपनियों ने स्वच्छ भारत कोष के तहत 47 करोड़ रुपए का योगदान दिया। आंकड़ों के अनुसार अधिकतर राशि भूख, गरीबी, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर खर्च किए गए। यह राशि 2,963 करोड़ रुपए रही। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कंपनियों ने जो राशि खर्च की, वह निर्धारित रकम से 26 फीसदी कम है।
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