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ऑनलाइन दवा बिक्री का विरोध: आज देशभर में हड़ताल, मेडिकल स्‍टोर बंद

देशभर में आठ लाख से ज्‍यादा केमिस्‍ट (दवा विक्रेता) ने बुधवार को अपने मेडिकल स्‍टोर बंद रखने का फैसला किया है। केमिस्‍ट सरकार द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को दी गई मंजूरी का विरोध कर रहे हैं।

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नई दिल्‍ली। देशभर में आठ लाख से ज्‍यादा केमिस्‍ट (दवा विक्रेता) आज (बुधवार) अपने मेडिकल स्‍टोर को रखने का फैसला किया है।
केमिस्‍ट सरकार द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को दी गई मंजूरी का विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध स्‍वरूप ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्‍ट एंड ड्रगिस्‍ट (एआईओसीडी) ने 14 अक्‍टूबर को एकदिवसीय राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल का आह्वान किया है। एआईओसीडी ने कहा है कि यदि सरकार ने एक हफ्ते के भीतर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वह अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

एआईओसीडी के अध्‍यक्ष जेएस शिंदे ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान इंटरनेट दवा बिक्री के लिए एक नए प्‍लेटफॉर्म के रूप में उभरा है। यह पूरी तरह से अवैध है और यह ड्रग्‍स एंड कॉस्‍मेटिक्‍स कानून 1940 का उल्‍लंघन है, जो डॉक्‍टर की सिफारिश पर ही दवा देने को अनिवार्य बनाता है। इंटरनेट पर दवा ऑर्डर करने के लिए किसी डॉक्‍टरी सिफारिश की जरूरत नहीं होती।

शिंदे ने कहा कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री से दवाओं के गलत रिएक्‍शन और साइट इफेक्‍ट का खतरा बढ़ गया है और इसके साथ ही अनब्रांडेड और नकली दवाओं का प्रचलन बढ़ने का भी खतरा पैदा हो गया है।

अमेरिका जैसे विकसित देशों में ई-फार्मेसी की सफलता के सवाल पर एआईओसीडी के सचिव सुरेश गुप्‍ता ने कहा कि वहां सही कानून है जो ऑनलाइन दवा बिक्री का नियमन सुनिश्चित करते हैं। भारत में ऑनलाइन दवा बिक्री के नियमन के लिए कोई संस्‍था नहीं है।

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