टमाटर पर चढ़ा तेजी का रंग, रिटेल दाम 100 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंचे
मंडियों में आवक कम होने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत मध्यप्रदेश में टमाटर के रिटेल दाम 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं।
नई दिल्ली/इंदौर। गर्मी और कहीं-कहीं बारिश की वजह से मंडियों में आवक कम होने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत मध्यप्रदेश में टमाटर के रिटेल दाम 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। इस तेजी ने आम लोगों की गृहस्थी का गणित बिगाड़ते हुए उन पर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है। दिल्ली-एनसीआर में टमाटर का रिटेल भाव 60 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक है। वहीं मध्यप्रदेश में टमाटर की अधिकतम रिटेल कीमत 80 रुपए प्रति किलो है। उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय की वेबसाइट पर भी देश में टमाटर का अधिकतम रिटेल मूल्य 80 रुपए प्रति किलो बताया गया है। इस हिसाब से टमाटर की कीमत एक लीटर पेट्रोल से भी ज्यादा हो गई है।
कारोबारी सूत्रों ने बताया कि इन दिनों प्रदेश की मंडियों में मांग के अनुपात में टमाटर की आपूर्ति कम है, जिससे इस सब्जी के भाव में इजाफा हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि इंदौर की देवी अहिल्याबाई होलकर फल-सब्जी मंडी में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर के थोक भाव 45 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम तक हैं। इस मंडी को प्रदेश में फल-सब्जियों का सबसे बड़ा थोक बिक्री केंद्र माना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, कम आवक के नाम पर कारोबारियों और दलालों की जबर्दस्त मुनाफाखोरी के चलते खुदरा बाजार में टमाटर के भाव 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश में इन दिनों टमाटर की मुख्य आवक महाराष्ट्र और राजस्थान सरीखे पड़ोसी राज्यों से हो रही है। लेकिन यह आवक मांग के मुकाबले नाकाफी है। वहीं मध्यप्रदेश के प्रमुख टमाटर उत्पादक इलाकों में इस सब्जी की बुआई मॉनसून के आगमन के बाद होगी और इसकी नयी फसल करीब तीन महीने बाद सूबे की मंडियों में पहुंचेगी।
इंदौर के सब्जी कारोबारी किशोर मरमट ने कहा, टमाटर की नयी फसल आने तक प्रदेश में इस सब्जी के भाव ऊंचे स्तरों पर बने रह सकते हैं। मशहूर अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी कहते हैं, खुदरा बाजार में टमाटर के मूल्यों पर लगाम लगाने के लिये सबसे पहली जरूरत इस सब्जी के भंडारण की सुविधाएं बढ़ाने की है। सरकार को इस सिलसिले में ज्यादा वित्तीय प्रावधान करने चाहिए। उन्होंने सुझाया कि सरकार को खासकर गर्मियों के दौरान टमाटर के निर्यात को कर बढ़ाकर इसकी कीमत नियंत्रित करना चाहिए, ताकि घरेलू बाजार में इस सब्जी की आपूर्ति पर्याप्त बनी रहे।