नई दिल्ली। देश के लगभग तमाम बड़े शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें बढ़कर 60-70 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा यह कमी वाला मौसम है, टमाटर के खराब होने की संभावना भी अधिक रहती है। मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को चेन्नई के अलावा मेट्रो शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 60 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई, जो एक महीने पहले लगभग 20 रुपए प्रति किलो थी।
कुछ स्थानों पर, टमाटर 70-80 रुपए प्रति किलो के भाव बेचा जा रहा है। गुड़गांव, गंगटोक, सिलीगुड़ी और रायपुर में टमाटर 70 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रहा है, जबकि गोरखपुर, कोटा और दीमापुर में 80 रुपए प्रति किलोग्राम का भाव है। आंकड़ों के अनुसार, उत्पादक राज्यों में भी, हैदराबाद में कीमत मजबूत होकर 37 रुपए प्रति किग्रा है, चेन्नई में 40 रुपए किलो और बेंगलुरु में 46 रुपए किलो है।
बढ़ती कीमतों के बारे में पूछे जाने पर, पासवान ने कहा कि फसल का समय नहीं होने के कारण आम तौर पर, जुलाई से सितंबर के दौरान टमाटर की कीमतें अधिक रहती हैं। टमाटर के जल्द खराब होने के गुण के कारण, इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव अधिक होता है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति सुधरने के बाद कीमतें सामान्य स्तर पर आ जाएंगी। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि आम तौर पर उपज का समय नहीं होने के कारण सामान्य तौर पर टमाटर की कीमतों में तेजी आती है और पिछले पांच साल के आंकड़ों का यही रुझान है।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश देश के कम टमाटर उत्पादन करने वाले राज्य हैं। वे आपूर्ति के लिए अधिक उत्पादन करने वाले राज्यों पर निर्भर करते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में सालाना लगभग एक करोड़ 97 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जबकि खपत लगभग एक करोड़ 15 लाख टन है।
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