त्योहारों में नहीं सताएगी आलू और टमाटर की महंगाई, 10 रुपए तक गिर सकते हैं दाम
ट्रेडर्स के मुताबिक अच्छे मानसून के चलते की इस बार उत्पादन में बढ़ोत्तरी हई है। इसीलिए अक्टूबर महीने में आलू और टमाटर के दाम थोक में 10 रुपए तक गिर सकते है।
नई दिल्ली। अगले महीने से शुरू हो रहे फेस्टिव सीजन में आलू और टमाटर की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। माना जा रहा है कि अक्टूबर महीने में आलू और टमाटर के थोक दाम में 10 रुपए तक गिरावट आ सकती है। ट्रेडर्स का कहना है कि अच्छे मानसून के चलते टमाटर और आलू की फसल अच्छी हुई है। साथ ही उरी में हुए आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान को टमाटरों का निर्यात अब घटकर 50 ट्रक रोजाना रह गया है, जो पिछले महीने 300 ट्रक रोजाना था।
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एक महीने में 50 फीसदी तक गिरी कीमतें
- पिछले एक महीने में होलसेल मार्केट में टमाटर और आलू की कीमतें 50 फीसदी घटकर 15-20 रुपए किलो रह गई है।
- रिटेल मार्केट में भाव 25-30 रुपए है।
अक्टूबर में और गिर सकते है भाव
- आजादपुर पटेटो एंड ऑनियन मर्चेंट्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रटरी राजिंदर शर्मा के मुताबिक अक्टूबर महीने में कीमतों में 5-10 रुपए प्रति किलो की और गिरावट आने के आसार बने हुए हैं।
- होलसेल मार्केट में आलू के दाम पिछले एक महीने में 21 फीसदी गिरकर 11 रुपए प्रति किलो पर आ गए हैं। इसकी वजह यह है कि पिछले सीजन का आलू अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा हुआ है और अब यह मार्केट में आ रहा है।
- कोल्ड स्टोरेज में काफी आलू है क्योंकि उत्तर प्रदेश में इस साल फसल काफी अच्छी रही है।
- यूपी देश में सबसे ज्यादा आलू पैदा करता है।
- आलू के दाम अगले महीने और गिर सकते हैं क्योंकि उस वक्त पंजाब से फसल की आवक शुरू हो जाएगी और इससे मार्केट में सप्लाई बढ़ जाएगी।
- अच्छी बारिश की वजह से पंजाब में उत्पादन ज्यादा रहने की उम्मीद है। अक्टूबर में होलसेल कीमतें 5 रुपए प्रति किलो और गिर सकती हैं।
क्यों आई कीमतों में गिरावट
- उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को टमाटर निर्यात में और गिरावट आ सकती है।
- दूसरी ओर, पंजाब में अच्छी फसल की उम्मीद और कोल्ड स्टोरेज में भारी मात्रा में आलू होने से इसकी कीमतें कम हुई हैं।
- अक्टूबर में मार्केट में पंजाब का आलू आने से कीमतें घटने के आसार बने हुए हैं।
- टामटर व्यापार संघ के प्रेजिडेंट अशोक कौशिक ने बताया, टमाटर की फसल इस बार काफी अच्छी हुई है।
- कई मुश्किलों के बावजूद हम अगस्त में रोजाना पाकिस्तान को 300 ट्रक निर्यात कर रहे थे।
- सितंबर की शुरुआत से पड़ोसी मुल्क में जाने वाले ट्रकों की संख्या घटकर रोजाना 50 रह गई।
- उरी अटैक से दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ी है। इससे अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए टमाटरों का एक्सपोर्ट मुश्किल हो जाएगा।