नई दिल्ली। प्रवासी भारतीय (NRI) और दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय तीन से छह महीने के ग्रेस पीरियड में 25,000 रुपए तक के पुराने नोट आरबीआई में जमा करा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एयरपोर्ट्स पर सीमा शुल्क अधिकारियों को ये नोट दिखाने होंगे और एक घोषणा-पत्र पर मुहर लगवानी होगी।
वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि इस घोषणा पत्र को पुराने नोट जमा कराते समय रिजर्व बैंक की शाखाओं में जमा कराना होगा।
पुराने नोटों को जमा कराने की 50 दिन की समयसीमा 30 दिसंबर को समाप्त हो गई है। वहीं सरकार ने दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को इसके लिए कुछ अतिरिक्त समय यानी ग्रेस पीरियड दिया है।
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- ऐसे भारतीय जो विदेश गए हुए हैं उनके लिए यह समय सीमा 31 मार्च तक है, जबकि एनआरआई अपने पुराने नोट 30 जून, 2017 तक जमा करा सकते हैं।
- हालांकि, यह सुविधा विदेशी विनिमय प्रबंधन (करेंसी का निर्यात और आयात) नियमन, 2015 के दायरे में आएगी।
- इन नियमनों के तहत ऐसी करेंसी को देश में वापस लाने की प्रति व्यक्ति की सीमा 25,000 रुपए है।
- ऐसे लोग जो नेपाल और भूटान से लौट रहे हैं उन्हें पुराने 500 और 1,000 के नोट लाने की इजाजत नहीं होगी।
- अधिसूचना में कहा गया है कि 31 मार्च, 2017 से 30 जून, 2017 के दौरान भारत आ रहे निवासी और प्रवासी भारतीयों को एक घोषणा फॉर्म भरना होगा।
- वे कुछ निश्चित रिजर्व बैंक शाखाओं में इन नोटों को जमा करा सकेंगे।
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- देश में प्रवेश करते समय एयरपोर्ट या लैंड कस्टम स्टेशन आदि पर घोषणा पत्र पर कस्टम अधिकारियों से मुहर लगवानी होगी।
- यह घोषणा पत्र आरबीआई शाखा में अन्य दस्तावेजों के साथ ही जमा कराना होगा।
- एक पन्ने के इस घोषणा फॉर्म को तैयार किया जा रहा है।
- अधिसूचना में कहा गया है कि मुहर लगाने से पहले कस्टम अधिकारी नोटों की सही से गिनती करेगा और उनकी राशि को जांचेगा।
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