नई दिल्ली। सरकार बफर स्टॉक बनाने के लिए अपने लक्ष्य से अधिक किसानों से 20,000 टन प्याज खरीदा है। इसका इस्तेमाल कीमत बढ़ने की स्थिति में बाजार हस्तक्षेप करने के लिए किया जा सके। पिछले वर्ष सरकार ने 8,000 टन प्याज खरीदा था लेकिन ऐसा तब किया गया जब इसके खुदरा मूल्य 80 से 90 रुपए प्रति किलो की उंचाई पर जा पहुंचे थे। सरकार ने इस साल समय पर खरीद करने का फैसला किया और फसल वर्ष (जुलाई से जून) 2015-16 में 15,000 टन प्याज खरीद करने का लक्ष्य तय किया। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, अभी तक प्याज की खरीद 20,000 टन हो चुकी है जो लक्ष्य के मुकाबले कहीं अधिक है।
पासवान ने कहा कि खरीद करने वाली प्रमुख एजेंसी नेफेड और एसएफएसी ने 10 रुपए प्रति किलो से कम दाम पर प्याज की खरीद की है जिसे इस फसल के मौसम न होने (अगस्त से सितंबर) के दौरान बाजार में उतारा जायेगा। प्याज के अलावा पासवान ने कहा कि सरकार ने 40,000 टन रबी दलहन की खरीद की है जिसमें विशेषकर चना और मसूर के दाल शामिल हैं। सरकार ने बफर स्टॉक बनाने के लिए रबी फसल से 1,00,000 टन दलहन खरीद करने का लक्ष्य तय किया है जिसमें 80,000 टन चना और 20,000 टन मसूर दाल शामिल होंगे। रबी दलहन की खरीद का काम अभी जारी है।
प्याज और दलहनों की खरीद मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) से किया जा रहा है जिस कोष में बाजार हस्तक्षेप के लिए चालू वित्तवर्ष में 900 करोड़ रुपए का धन मौजूद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्याज का उत्पादन वर्ष 2015-16 में बढ़कर दो करोड़ 3.3 लाख टन हो जाने का अनुमान है जो पिछले वर्ष एक करोड़ 89.2 लाख टन ही था। वहीं दलहन का उत्पादन कम यानी एक करोड़ 70.6 लाख टन होने का अनुमान है जो दो करोड़ 36.2 लाख टन की घरेलू मांग के मुकाबले कहीं काफी कम है। इस अंतर को आयात करने के जरिये पूरा किया जाता है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार मौजूदा समय में प्याज की खुदरा कीमत 15-25 रुपए प्रति किलो है और दलहनों की कीमत अभी भी देश के अधिकांश भागों में 85 से 185 रुपए प्रति किलो के दायरे में है।
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