नई दिल्ली। पिछले महीने अमृतसर में हुए रेल हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने रिहायशी इलाकों में रेलवे ट्रैक को सुरक्षित बनाने और लोगों को इसके नजदीक आने से रोकने के लिए 3000 किलोमीटर लंबी दीवार बनाने का फैसला किया है। अमृतस में दशहरा के दिन रावण दहन देखने आए लोग रेलवे ट्रैक पर जमा थे, जहां तेज गति से आई ट्रेन ने 60 लोगों को कुचल दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अमृतसर दुर्घटना के कुछ दिनों बाद ही इस संबंध में फैसला लिया था। इस दीवार की ऊंचाई 2.7 मीटर होगी और इसे मजबूत सीमेंट कंक्रीट से बनाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ इस दीवार को बनाया जाएगा। इस दीवार को बनाने पर लगभग 25,00 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
रिपोर्ट के अनुसार इस दीवार की मदद से रेलवे ट्रैक के नजदीक कचड़ा डालने से भी लोगों को रोका जाएगा, जिससे ट्रेन की स्पीड बढ़ने की उम्मीद है। रेलवे बोर्ड सदस्य (इंजीनियरिंग) विश्वेश चौबे ने कहा कि इस दीवार आबादी वाले क्षेत्रों में आदमियों के साथ ही साथ जानवरों को रेलवे ट्रैक के पास आने से रोकेगी। इस दीवार की ऊंचाई इतनी अधिक होगी, जिससे ट्रैक पर कचड़ा डालना आसान नहीं होगा।
रेलवे सुरक्षा आयोग ने भी यह निर्धारित किया है कि 160किमी प्रति घंटे की ट्रेन गति के लिए सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के लिए, रेलवे ट्रैक को फेंस या दीवार से सुरक्षित बनाने की आवश्यकता है। सूत्रों ने बताया कि स्वर्णिम चर्तुभुज और इसकी सहायक इलाकों में भी रेलवे ट्रैक पर दीवार बनाने की योजना बनाई जा रही है।
अमृतसर दुर्घटना से पहले जोनल रेलवे ने समस्याग्रस्त इलाकों के रूप में पहचान किए गए कुछ क्षेत्रों में 2000 किलोमीटर लंबी दीवार बनाने की योजना बनाई थी। 2018-19 बजट के हिस्से के रूप में, यह काम की अनुमानित लागत 650 करोड़ रुपए है और इसे राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष से वित्त पोषित किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं और अगले महीने तक इसकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
पिछले तीन सालों में 49,790 लोग रेल दुर्घटना का शिकार हुए हैं। कानून के मुताबिक, रेलवे इस तरह की दुर्घटना को नियमों का उल्लंघन और लोगों की अनदेखी मानता है।
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