तिरुमाला। दुनिया के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी पर नोटबंदी का बुरा असर पड़ा है। नोटबंदी की वजह से प्रतिदिन होने वाली मंदिर की कमाई में 1 से 2 करोड़ रुपए की गिरावट आई है। इस घाटे को पूरा करने के लिए मंदिर प्रशासन टिकट व अन्य सेवाओं का शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रहा है। यहां आने वाले दर्शनार्थियों को अब दर्शन टिकट व अन्य सेवाओं के लिए पहले की तुलना में ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
नोटबंदी के बाद मंदिर की दैनिक कमाई में आई गिरावट को देखते हुए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) अपनी विभिन्न सेवाओं के शुल्क में वृद्धि करने पर विचार कर रहा है।
- अधिकारियों के मुताबिक, नोटबंदी से पहले टीटीडी की दैनिक आय तकरीबन 5 करोड़ रुपए थी, जिसमें बैंक जमा पर मिलने वाला ब्याज भी शामिल है।
- हुंडी दान के अलावा टीटीडी के खजाने में टिकट और प्रसाद बिक्री आदि से भी पैसा आता है।
- टीटीडी के चेयरमैन सी कृष्णामूर्ति ने कहा कि,
- नोटबंदी के बाद हमनें देखा है कि मंदिर की दैनिक आय में एक से दो करोड़ रुपए की गिरावट आई है। अब, हम इस घाटे को भक्तों पर बिना बोझ डाले पूरा करने के रास्ते तलाश रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद आय में गिरावट से निपटने के लिए वह मंदिर के टिकट मूल्य में मामूली बढ़ोतरी पर विचार कर रहे हैं।
- इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार की मंजूरी आवश्यक है।
- कुछ समय पहले टीटीडी ने टिकट और प्रसाद की कीमत में वृद्धि का प्रस्ताव किया था, लेकिन तब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इसे अस्वीकार्य कर दिया था।
- टीटीडी के टिकट का मूल्य वर्तमान में 50 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक है।
- अधिकांश भक्त 300 रुपए के विशेष दर्शन टिकट की खरीद करते हैं।
- प्रतिदिन तकरीबन 2,000 भक्त वीआईपी दर्शन के लिए टिकट खरीदते हैं।
- अधिकारियों ने कहा कि टिकट मूल्य और विभिन्न सेवाओं के शुल्क में मामूली 5 से 10 रुपए की वृद्धि कर राजस्व में आई कमी को पूरा किया जा सकता है।
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