नई दिल्ली। दुनिया का सबसे अमीर हिंदु मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को सफल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है। तिरुपति मंदिर अपना ज्यादा से ज्यादा सोना इस स्कीम के तहत जमा करवार कर गोल्ड इंपोर्ट को कम कर इकोनॉमी को कुछ सहारा दे सकता है। सरकार की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम का उद्देश्य घरों व मंदिरों में बेकार पड़े 20,000 टन सोने को रिसाइकल कर उसे पुन: उपयोग के लिए बाजार में लाने की है, ताकि सोने के आयात को कम किया जा सके। लेकन इस स्कीम के तहत अभी तक केवल एक किलो सोना ही जमा हुआ है। इससे सरकार की इस स्कीम की सफलता पर प्रश्न उठने लगे हैं।
मदद के लिए आगे आया तिरुपति मंदिर
श्री व्यंकटेश्वसर स्वामी मंदिर, जो तिरुपति मंदिर के नाम से लोकप्रिय है और इसके पास 5.5 टन सोने का भंडार है, सरकार की इस योजना में सबसे बड़ा भागीदार बन सकता है। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यनामला रामाकृष्णुदु ने कहा है कि यह बहुत अच्छी स्कीम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर को इस स्कीम में भागीदारी करने के लिए पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं।
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है। सोने की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए इसे बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ता है। इस वजह से 2013 में भारत के कुल व्यापार घाटा में सोने की हिस्सेदारी 28 फीसदी थी।
10-15 दिनों में होगा फैसला
तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डी संबासिव राव ने बताया कि तिरुपति मंदिर ने अपना अधिकांश सोना पहले जारी मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत बैंकों के पास जमा रखा ळै और इस पर एक फीसदी ब्याज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर की इन्वेस्टमेंट कमेटी अब यह देखेगी कि कौन सी स्कीम ज्यादा फायदेमंद है और फिर उसी हिसाब से निर्णय लेगी। नई मोनोटाइजेशन स्कीम के तहत सालाना 2.5 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है। राव ने बताया कि अगले 10-15 दिनों में इसके लिए फैसला लिया जाएगा।
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