नई दिल्ली। युवा आंत्रप्रेन्योर्स को प्रोत्साहित करने और जमीनी स्तर पर उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया का शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने इसका एक एक्शन प्लान भी लॉन्च किया। देश-विदेश के तमाम स्टार्टअप्स उद्यमियों के बीच पीएम मोदी ने स्टार्टअप्स के लिए कई नई योजनाओं की भी घोषणा की।
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप्स को तीन साल तक इनकम टैक्स से छूट देने और उद्यम पूंजी निवेश पर कैपिटल गेन टैक्स में भी छूट देने की सबसे बड़ी घोषणा की। इतना ही नहीं उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए पेटेंट फीस में 80 फीसदी कमी करने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप्स को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का एक डेडीकेटेड फंड बनाने की भी बात कही। स्टार्टअप्स के लिए कारोबारी गतिविधियां आसान बनाने के तहत उनके लिए नौ श्रम एवं पर्यावरण कानूनों के मामले में स्व-प्रमाणन आधारित अनुपालन प्रणाली की शुरुआत करने की घोषणा मोदी ने की है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स कारोबारी द्वारा श्रम व पर्यावरण कानून के अनुपालन मामले में स्वयं प्रमाणपत्र दिए जाने के तीन साल बाद तक कोई जांच नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि हम देश में स्टार्टअप फेस्टिवल की परंपरा शुरू करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पहचाने बनाने लायक स्टार्टअप्स को सरकार 10 करोड़ रुपए की मदद देगी। उन्होंने कहा कि अटल इन्नोवेशन मिशन की शुरुआत की जाएगी। महिला उद्यमियों की बढ़ती संख्या पर उन्होंने कहा कि सरकार इस पर भी योजना बनाने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए अगले चार वर्षों में हर साल 500 करोड़ रुपए के साथ क्रेडिट गारंटी स्कीम लाई जाएगी। एमएसएमई की तरह ही सरकारी खरीद में स्टार्टअप को छूट दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत में नए लोगों को मौका ना देने की प्रथा प्रचलित है। काम शुरू करने से पहले टर्न ओवर या अनुभव के बारे में पूछा जाता है। हम इस प्रथा को बदलने आए हैं। एक अप्रैल से स्टार्टअप का फॉर्म मोबाइल एप्लीकेशन पर उपलब्ध होगा। साथ ही आईपीआर स्कीम भी लॉन्च की जाएगी।
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