नई दिल्ली। वर्ष 2016 में 7.3 फीसदी वृद्धि हासिल कर दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था भारत की होगी। संयुक्त राष्ट्र की विश्व अर्थव्यवस्था रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि 2016 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहेगी और इससे अगले साल यह और बढ़कर 7.5 फीसदी हो जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 70 फीसदी से अधिक योगदान रखने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था 2016 में 7.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी और 2017 में इसकी वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहेगी। यह 2015 के 7.2 फीसदी से कुछ अधिक रहेगी। संयुक्त राष्ट्र की विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना 2016 पर जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी।
रिपोर्ट कहती है कि 2016 और 2017 में दक्षिण एशिया दुनिया का सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाला क्षेत्र होगा। इसमें कहा गया है कि क्षेत्र के अन्य देशों की बात करें, तो भारत में वृहद आर्थिक वातावरण सुधरा है। कच्चे तेल, धातु तथा खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी गिरावट से यह स्थिति बनी है। भारत की बात करते हुए अर्थशास्त्री और प्रमुख, संरा-ईएससीएपी दक्षिण और दक्षिण पश्चिम एशिया नागेश कुमार ने कहा कि राजकोषीय नीति का इस्तेमाल करने से शिक्षा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जा सकता है। इससे न केवल वृद्धि दर बढ़ेगी बल्कि भविष्य के लिए भी वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर खर्च चीन जैसे देशों की तुलना में काफी कम है। ऐसे में इसमें विस्तार की गुंजाइश है। इसके लिए आपको राजकोषीय गुंजाइश की जरूरत है। आपको यह देखना होगा कि राजस्व कैसे बढ़ाया जा सकता है।
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