नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल को ‘अपने बल पर चलने वाली, पर्यावरण-अनुकूल और समय की पाबंद’ परिवहन प्रणाली के रूप में नये भविष्य के लिए तैयार करने का शुक्रवार को आह्वान करते हुए हुए अधिकारियों से कहा कि रेलवे की सफलता से देश की सफलता जुड़ी है। रेलवे बोर्ड के सदस्यों और रेलवे जोन के महाप्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि 2020-21 भारतीय रेल के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण बर्ष रहा है। इस दौरान कोविड-19 के कारण रेलवे की सभी सेवाएं कुछ समय के लिए ठप हो गयी थीं।
रेल मंत्री ने कहा , ‘यह वर्ष रेलवे के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण रहा। कोविड-19 के दौरान रेलवे ने चुनौती का मुकाबला करने की अपनी क्षमता का परिचय दिया और पहले से अधिक मजबूत बनकर उभरी। रेलवे की सोच में बड़ा बदलाव हो चुका है। नयी प्रौद्योगिकी के प्रयोग और नवप्रवर्तन से रेलवे ने नए मानक स्थापित किए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय रेल का भविष्य फिर से निर्धारित करने का समय है। रेलवे को अपने बल पर दौड़ने वाली, स्वच्छ ऊर्जा से परिचालित और समय की पाबंद राष्ट्रीय परिवहन प्रणाली के रूप में इस तरह स्थापित करना है कि यह कारोबार करने वालों की पहली पसंद हो।’
उन्होंने रेलकर्मियों को इस बात के लिए बधाई दी कि चुनौती के इस समय में भी उनके प्रयास से चालू वित्त वर्ष में रेलवे ने 122.3 करोड़ टन माल की ढुलाई की जो ‘ उत्साहजनक संदेश देता है।’ इस दौरान 5,900-कलोमीटर रेलपथ का विद्युतीकरण किया गया। यह एक नया कीर्तिमान है। रेल मंत्री ने कहा कि 2020-21 में रेलवे ने माल ढुलाई से 1,14,652.47 की कमाई की जहो एक साल पहले के 1,12,358.83 करोड़ रुपये की कमाई की तुलना में 2 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्शाता है।
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