नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ( आईआरएफ) का सुझाव है कि एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली( इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम) लागू करने से यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की संख्या कम की जा सकती है। आईआरएफ ने आज यह बात नोएडा- आगरा के बीच बने इस एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि पर चिंता जताते हुए कही।
सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाले वैश्विक संगठन आईआरएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘ मुंबई- पुणे एक्सप्रेसवे और नोएडा- आगरा एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाने की परिस्थितियां अन्य सड़कों से भिन्न हैं। सुरक्षित ड्राइविंग के लिए आईटीएस के साथ गति सीमा का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा सड़क का प्रबंधन करने वाले लोगों को वाहन चालकों को अग्रिम तौर पर मौसम की जानकारी और ड्राइविंग करने की परिस्थिति की जानकारी देनी चाहिए।’’
आईआरएफ के चेयरमैन के. के. कपिला ने कहा, ‘‘ सरकारी और गैर- सरकारी कई एजेंसियों ने इस संबंध में अध्ययन किया है और उसके मुताबिक अधिकतर दुर्घटनाओं की प्रमुख वजह मानवीय भूल या लापरवाह तरीके से ड्राइविंग करना है। ड्राइवर अपने वाहन को दूसरे वाहन के बगल से तेज गति से आगे निकालते हैं, गलत तरफ से ओवरटेक करते हैं और वाहन पर अपना नियंत्रण खो देते हैं, जिस वजह से मुख्य तौर पर दुर्घटना होती है।’’
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए आईटीएस के साथ गति सीमा को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए और ड्राइवरों को मौसम इत्यादि की पूर्व जानकारी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर विकसित देशों में आईटीएस को अपनाया गया है, जिसमें स्पीड नापने वाले कैमरा प्रमुख हैं।
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