नई दिल्ली। त्योहारों की धूमधाम के बीच अक्टूबर का महीना दस्तक देने वाला है। अक्टूबर की शुरुआत के साथ कई बदलाव भी आने वाले हैं। इसमें से कई का असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा। नए बदलाव बैंकिंग सिस्टम को लेकर हैं, इसके साथ आपकी रोजमर्रा की खरीदारी को लेकर भी हैं। हम आपके लिए ऐसे कुछ खास बदलाव की जानकारी लेकर आ रहे हैं जो कि अगले दो दिनों के भीतर ही आपकी जेब पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
सबसे बड़ा असर पुरानी वस्तुओं की कीमतों को लेकर है। अब दुकानदार पुरानी एमआरपी पर सामान नहीं बेच पाएंगे। 1 अक्टूबर से सभी के लिए जीएसटी के आधार पर नई एमआरपी पर सामान बेचना अनिवार्य हो गया है। यदि कोई दुकानदार पुरानी एमआरपी पर सामान बेचता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी। सरकार ने 30 सितंबर तक ही पुराने एमआरपी पर सामान बेचने की छूट दी है।
दूसरा बदलाव भी आपकी जेब पर असर डालेगा। संभावना है कि 1 अक्टूबर से आपको कॉल करने के लिए कम चार्ज देना पड़े। टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने 1 अक्टूबर से इंटरकनेक्शन चार्जेज़ (आईयूसी) घटाने की घोषणा की है। ऐसा होने से एक टेलिकॉम कंपनी से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर बात करना सस्ता हो सकता है।
अगला बदलाव एसबीआई ग्राहकों के लिए है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 1 अक्टूबर से बैंक ने अपने मिनिमम बैलेंस की सीमा घटान की घोषणा की है। अब महानगरों में एसबीआई के सेविंग अकाउंट पर 5000 रुपए की बजाए सिर्फ 3000 रुपए का मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होगा। इसके साथ ही एसबीआई ने अकाउंट बंद करने के लिए लिए जाने वाले चार्ज को भी खत्म कर दिया है। यह सुविधा 14 दिन से कम या 1 साल से अधिक पुराने खाते बंद करने पर है। 14दिन से 1 साल तक के खातों पर बैंक अभी भी 500 के साथ जीएसटी वसूलेगा।
यदि आपका खाता एसबीआई में समाहित किए गए 5 सरकारी बैंकों में है। तो आपके लिए मुश्किल बढ़ जाएगी। क्योंकि 1 अक्टूबर से आप इन बैंकों के चैक का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
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