नई दिल्ली। देश में नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी संकट से आम जनता को बचाने के लिए विभिन्न कंपनियां आगे आई हैं। ऐसे में इन कंपनियों को जहां अपना बिजनेस बढ़ाने का मौका मिला है, वहीं जनता को भी नकदी की समस्या का सामना करने से बचाया है।
आइनॉक्स लेजर ने नकदी वितरण के लिए एसबीआई से किया करार
- बिग बाजार के बाद, मल्टीप्लेक्स श्रृंखला आइनॉक्स लेजर ने भारतीय स्टेट बैंक से करार किया है।
- इससे आज से लोग डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर 2,000 रुपए तक निकाल सकेंगे।
- लोग अपना डेबिट कार्ड स्वाइप कर, पिन नंबर भरकर प्रतिदिन 2,000 रुपए तक निकाल सकते हैं।
- कंपनी ने कहा कि यह सुविधा आज से 17 संपत्तियों में उपलब्ध होगी। सप्ताहांत तक यह सुविधा शेष 89 संपत्तियों में भी उपलब्ध होगी।
मोबिक्विक ने किया एनएचएआई के साथ गठजोड़
- डिजिटल भुगतान कंपनी मोबिक्विक ने कहा कि देश भर में 391 टोल नाकों पर टोल भुगतान के लिए उसके मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार (एनएचएआई) से मंजूरी मिलने के बाद उसकी वॉलेट सेवा का इस्तेमाल देश भर में 391 टोल प्लाजा पर किया जा सकेगा।
- एनएचएआई ने यह कदम टोल नाकों पर वाहनों की भीड़ टालने के लिए उठाया है।
- फिलहाल, सरकार ने दो दिसंबर 2016 तक टोल भुगतान से छूट दी हुई है।
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छोटे दुकानदारों के लिए पे-वर्ल्ड की मोबाइल पीओएस सेवा
- नोटबंदी के बाद नकदी की समस्या से जूझ रहे छोटे दुकानदारों के लिए पे-वर्ल्ड ने मोबाइल पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) सेवा शुरू की है।
- इस सेवा से उप-नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे दुकानदार क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार कर सकेंगे।
- मोबाइल पीओएस एक ऐसी मशीन होती है जो ज्यादा स्थान नहीं लेती और इसके लिए किसी विशेष बुनियादी सुविधा को बनाने की जरूरत भी नहीं।
- इसके लिए दुकानदार अपने स्मार्टफोन पर पे-वर्ल्ड एप का प्रयोग करते हुए डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान प्राप्त कर सकता है।
- इसके लिए उसे कार्ड पढ़ने वाली मशीन को ब्लूटूथ की मदद से अपने फोन से जोड़ना होता है।
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