इतिहास के पन्नों में बंद हुआ रेल बजट, जानिए इससे जुड़े कुछ खास तथ्य
2017 का बजट बेहद अलग होने जा रहा है। इस बार न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है, वहीं इस साल से रेल बजट इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
Ankit Tyagi Jan 17, 2017, 10:20:07 IST
नई दिल्ली। 2017 का बजट कई मायनों में बेहद अलग होने जा रहा है। इस बार न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है, वहीं इस साल से रेल बजट की रवायत भी खत्म होने जा रही है।
भारतीय बजट प्रणाली के करीब 92 साल में पहली बार अलग से रेल बजट पेश नहीं किया जाएगा। देश में पहली बार 1924 में रेल बजट पेश किया गया था, जिसके बाद से हर साल आम बजट से 2 दिन पहले रेल बजट को पेश किया जाता है। आइए जानते हैं इतिहास की तारीखों में कैद हो रहे इस रेल बजट के इतिहास से जुड़ी कुछ खास बातें…
- भारतीय रेल बजट एक विशेष बजट है जो आम बजट से बिलकुल अलग है। सर्वप्रथम 10 सदस्यीय एक्वोर्थ समिति की अनुशंसा पर 1924 में इसे पेश किया गया था।
- ब्रिटिश सरकार द्वारा 1921 में रेलवे के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के लिए बनी जिस समिति के रिपोर्ट के आधार पर रेल बजट प्रस्तुत करने की अनुशंसा की गयी थी उसके अध्यक्ष अर्थशास्त्री विलियम मिशेल एक्वर्थ थे।
- यह लोकसभा में धन विधेयक के रूप में केंद्रीय रेल मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
- रेल बजट का सीधा प्रसारण 24 मार्च 1994 से प्रारंभ हुआ।
- यद्यपि भारतीय संविधान में कहीं भी रेल बजट जैसे शब्द का वर्णन नहीं है। इसे संविधान के अनुच्छेद 112 और 204 के अंतर्गत ही लोक सभा में पेश और पास किया जाता है।
- आमतौर पर रेल बजट आम बजट से 2 दिन पहले पेश किया जाता है।
- इसमें पिछले वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण भी किया जाता है।
- भारतीय रेल, भारत में एक सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) है। यह लगभग 13.6 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करती है।
- भारत में पहली यात्री ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में महाराष्ट्र के मुंबई और ठाणे के मध्य चलाई गयी थी।
- दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित रेलवे सूचना प्रणाली (सीआरआईएस) द्वारा पहली बार 1986 में आरक्षण प्रणाली की शुरुआत की गयी।
- बिहार के भूतपूर्व मुख्य मंत्री लालूप्रसाद यादव के नाम लगातार 6 बार रेल बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड है। वे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में 2004 – 2009 के बीच रेल मंत्री थे।
- ममता बनर्जी रेल बजट पेश करने वाली पहली महिला रेल मंत्री हैं। 2002 में उन्होंने रेल बजट प्रस्तुत किया था।
- सुरेश प्रभु अंतिम रेल मंत्री हैं जिन्होंने 2016 में अंतिम बार रेल बजट पेश किया।