नयी दिल्ली। देश में आजादी के बाद के सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी की शुरुआत 1 जुलार्इ से हो चुकी है। देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत के साथ ही भारत अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की यह व्यवस्था अपनाने वाले देशों में शामिल हो गया। लेकिन इस महत्वपूर्ण कर सुधार के पीछे कुछ ऐसे लोगों का भी बड़ा योगदान है जिन्होंने आजादी के बाद के इस सबसे बड़े कर सुधार के लिये परदे के पीछे रहकर दिन-रात काम किया। यह भी पढ़ें: GST के बाद साबुन-डिटर्जेंट हुए सस्ते, हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कुछ प्रोडक्ट्स के दाम में की कटौती
केंद्र तथा राज्यों के अधिकारियों की व्यापक विचार-विमर्श से नये कानून के क्रियान्वयन की जमीनी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया। राजस्व सचिव हसमुख अधिया तथा सीबीईसी चेयरपर्सन वी सरना आगे रहे। वहीं जीएसटी आयुक्त उपेन्द्र गुप्ता, राजस्व विभाग में सलाहकार पी के मोहंती, संयुक्त सचिव (टीआरयू) आलोक शुक्ला, मुख्य आयुक्त सीबीईसी पी के जैन, आयुक्त सीबीईसी मनीष सिन्हा तथा कई अन्य केंद्रीय अधिकारियों ने परदे के पीछे रहकर कई मुद्दों को सुलझाया।
राज्यों के अधिकारियों में कर्नाटक में वाणिज्यिक कर आयुक्त (सीसीटी) रितविक पांडे, सीसीटी गुजरात पी डी वघेला, सीसीटी महाराष्ट्र राजीव जलोटा, बिहार के अतिरिक्त सचिव सीटी अरूण मिश्र तथा पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त आयुक्त अनवर खालिद अनूठे विचार लेकर आये। राज्यों के सभी अधिकारियों ने जीएसटी दरों तथा नियमों को यथासंभव अनुकूल बनाने के लिये काफी मेहनत किये।
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